500 से ज्यादा लोगों से ऑनलाइन ठगी करने वाले पांच गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने विदेशियों समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी के साथ अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन जालसाजों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो गिफ्ट भेजने के बहाने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संपर्क कर कई लोगों को ठगते थे, मंगलवार को पुलिस ने इसकी जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पिछले पांच साल में 500 से ज्यादा लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की। आरोपियों की पहचान उत्तम नगर निवासी कमल कुमार उर्फ अबू, इसहाक चुकुमा ओकोरी, एक नाइजीरियाई नागरिक, घाना का निवासी ओफोसु, आइवरी कोस्ट के निवासी साई मैथ्यू और मिजोरम से लालरिनमावी के रुप में हुई है।
पुलिस उपायुक्त (मध्य) श्वेता चौहान के अनुसार, एक सरकारी अस्पताल में काम करने वाले एक डॉक्टर ने बताया था कि मार्क पीटरसन नाम के एक व्यक्ति ने 29 जून को इंस्टाग्राम पर खुद को अमेरिकन एयरलाइंस के पायलट के रूप में पेश करते हुए उनसे संपर्क किया था, जो वर्तमान में लंदन में रह रहा है।
बाद में, उन्होंने अपने व्हाट्सएप नंबरों का आदान-प्रदान किया। वह उसे नियमित रूप से व्हाट्सएप संदेश भेजता था। जुलाई में उसने बताया कि वह भारत घूमने आ रहा है। 25 जुलाई को, उसे एक टेलीफोन कॉल आया कि मार्क पीटरसन मुंबई हवाई अड्डे पर आ गया है और सीमा शुल्क और अन्य आरोपों के नाम पर आरोपी ने उसे 19 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की।
श्वेता चौहान ने कहा- जांच के दौरान, लाभार्थी के उन खातों के बैंक विवरण प्राप्त किए गए जिनमें शिकायतकर्ता ने पैसे स्थानांतरित किए थे। उन्होंने खुलासा किया कि उक्त बैंक खातों में बड़ी संख्या में लेनदेन किया जा रहा था। इसके अलावा, यह पता चला कि इन खातों में जमा धन को अन्य बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था या एटीएम के माध्यम से तुरंत निकाल लिया गया था। 15 दिसंबर को तकनीकी जांच के आधार पर पुलिस टीम ने आरोपी कमल को पकड़ा, जिसने पूछताछ में अपराध कबूल कर लिया।
उसकी निशानदेही पर तिलक नगर इलाके से इसहाक, ओफोसू, लालरिनमावी और मैथ्यू को भी पकड़ा गया। विभिन्न फर्जी इंस्टाग्राम और फेसबुक प्रोफाइल आरोपी व्यक्तियों के मोबाइल फोन और लैपटॉप से बरामद किए गए। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर अलग-अलग नामों से फर्जी प्रोफाइल बनाते थे। वह इन प्लेटफार्मों के माध्यम से लोगों से मिले और बाद में उनके व्हाट्सएप नंबरों का आदान-प्रदान किया।
कुछ दिनों के बाद, वह उन्हें यह कहकर फुसलाते थे कि वह उन्हें उपहार भेजेंगे या भारत में उनसे मिलने आएंगे। उन्होंने एक डमी पार्सल ट्रैकिंग रसीद भी बनाई जिसे उन्होंने पीड़ित व्यक्ति को विश्वास हासिल करने के लिए भेजा। चौहान ने कहा, ठगे गए पैसे को आगे किसी बिचौलिए के जरिए नाइजीरिया भेजा गया। पीड़ित देश के सभी हिस्सों से थे। आरोपी अन्य एशियाई देशों में भी सक्रिय थे।
सोर्सः आईएएनएस
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Created On :   21 Dec 2022 7:05 AM IST