विवादित कंटेंट पोस्ट करने पर ट्विटर यूजर्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

Hindu Mahapanchayat: FIR filed against Twitter users for posting controversial content
विवादित कंटेंट पोस्ट करने पर ट्विटर यूजर्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
हिंदू महापंचायत विवादित कंटेंट पोस्ट करने पर ट्विटर यूजर्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने हिंदू महापंचायत सभा की पृष्ठभूमि में उन ट्विटर यूजर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन्होंने विवादित सामग्री पोस्ट की थी, जिसके बारे में पुलिस ने कहा था कि इससे दो सांप्रदायिक समूहों के बीच दुश्मनी, नफरत और द्वेष पैदा हो सकता है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी के अनुसार, मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच शुरू कर दी गई है।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) उषा रंगनानी ने पहले सूचित किया था कि सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफार्मों का उपयोग करके अफवाहें और गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उक्त विवादित ट्वीट्स को भी साझा किया। एक पोस्ट में, न्यूज पोर्टल आर्टिकल 14 ने ट्वीट किया था, 5 पत्रकार, उनमें से 4 मुस्लिम, आर्टिकल 14 के असाइनमेंट का 1 कर्मचारी को, हिंदू धर्म संसद (जिसके लिए पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था) में भीड़ द्वारा उनके धर्म की पहचान करने, उन पर हमला करने और वीडियो हटाए जाने के बाद पुलिस द्वारा दिल्ली के मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया है।

दिल्ली पुलिस द्वारा साझा किए गए एक अन्य ट्वीट में, एक पत्रकार ने लिखा था, मुझे और मोहम्मद मेहरबान को हिंदू भीड़ द्वारा हमारी मुस्लिम होने के कारण पीटा गया था। नई दिल्ली के बुरारी मैदान में हिंदू महापंचायत में मुझ पर सांप्रदायिक गालियां दी गईं। हम कार्यक्रम को कवर करने के लिए वहां गए थे। हमें जिहादी कहा गया और मुस्लिम होने के कारण हमला किया गया।

कार्यक्रम हिंदू महापंचायत सभा का आयोजन रविवार को उत्तर पश्चिमी दिल्ली के बुराड़ी मैदान में किया गया। पुलिस के अनुसार, वहां कुछ वक्ताओं में डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती और सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक सुरेश चौहानके ने दो समुदायों के बीच वैमनस्य, शत्रुता, घृणा या द्वेष की भावना को बढ़ावा देने वाले शब्द कहे।

इसके बाद, पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) और 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) के तहत मामला दर्ज किया।

आईएएनएस

Created On :   4 April 2022 2:30 PM IST

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