कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात कराने का दिया निर्देश

Karnataka High Court directs to conduct abortion of rape victim
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात कराने का दिया निर्देश
फैसला कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात कराने का दिया निर्देश

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसमें उन्होंने एक दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग लड़की का गर्भपात करने की अनुमति दी है। कोर्ट ने जिला सिविल अस्पताल को 25 सप्ताह की गर्भवती पीड़िता का गर्भपात सुनिश्चित करने का भी निर्देश जारी किया है। दुष्कर्म पीड़िता ने चिकित्सकों और जिला अस्पताल द्वारा गर्भपात से इनकार करने के बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया था क्योंकि कानून 24 सप्ताह से ज्यादा की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति नहीं देता है।

लड़की ने अपनी याचिका में कहा है कि उसे अपराध का बोझ उठाने और उसकी इच्छा के विरुद्ध गर्भ धारण करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। धारवाड़ उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने न्यायमूर्ति एन.एस. संजय गौड़ा ने मेडिकल बोर्ड से राय मांगी थी। बोर्ड ने कहा कि यह लड़की और बच्चे दोनों के लिए एक उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था का मामला होगा क्योंकि याचिकाकर्ता लड़की की उम्र 16 साल है। बोर्ड ने यह भी कहा कि अगर गर्भधारण की अनुमति दी जाती है तो इससे लड़की के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा।

पीठ ने राय पर विचार करते हुए गुरुवार को जिला अस्पताल में तत्काल गर्भपात का आदेश दिया। पीठ ने रेखांकित किया कि, लड़की को अपने शरीर की रक्षा करने का अधिकार है। एक महिला को इसके लिए मजबूर करने का कार्य संविधान में गारंटीकृत व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।

पीठ ने यह भी कहा, गर्भावस्था जारी रखने का परिणाम गंभीर और गरिमापूर्ण जीवन के लिए हानिकारक होगा जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत माना जाता है। नाबालिग लड़की के साथ 8 फरवरी, 2021 को एक पिता-पुत्र ने एक साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया था। बेलगावी पुलिस मामले की जांच कर रही है।

आईएएनएस

Created On :   26 Nov 2021 10:30 AM IST

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