बुली बाई ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नोई को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया

Neeraj Bishnoi, who created the bully bye app, sent to 7 days police custody
बुली बाई ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नोई को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया
हिरासत बुली बाई ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नोई को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंजीनियरिंग के छात्र और बुली बाई ऐप के निर्माता नीरज बिश्नोई को एक स्थानीय अदालत ने सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। बिश्नोई को एक विशेष समुदाय की महिलाओं को बदनाम करने के लिए एक मंच बनाने के लिए असम से दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बिश्नोई को गिटहब पर बुली बाई का मुख्य साजिशकर्ता और निर्माता माना जाता है। ऐप के मुख्य ट्विटर अकाउंट धारक को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के आईएफएसओ (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट) ने गिरफ्तार किया गया है।

दिल्ली पुलिस ने बिश्नोई की सात दिन की हिरासत की मांग की थी, जिसे गुरुवार को डिप्टी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था। मजिस्ट्रेट ने पुलिस को एक सप्ताह के लिए उसकी हिरासत की अनुमति दी। आरोपी को असम से आईएफएसओ की एक टीम ने डीसीपी के.पी.एस मल्होत्रा के नेतृत्व में पकड़ा था।

वह असम के जोरहाट गांव का रहने वाला है और वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से बी.टेक, कंप्यूटर साइंस, सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहा था। पुलिस के अनुसार, बिश्नोई ने अक्टूबर में उन महिलाओं की एक सूची बनाई थी, जिन्हें वह अपने डिजिटल उपकरणों, एक लैपटॉप और सेल फोन पर ऑनलाइन बदनाम करना चाहता था। वह पूरे सोशल मीडिया पर महिला कार्यकर्ताओं को ट्रेस कर रहा था और उनकी तस्वीरें डाउनलोड करता था।

1 जनवरी को गिटहब ऐप के जरिए एक खास धर्म की कई महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट की गईं। इनमें पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र और प्रसिद्ध हस्तियां शामिल थीं। यह सुल्ली डील के विवाद के छह महीने बाद हुआ। इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा बुली बाई के अनुयायियों में से एक था, जिसके जरिये पुलिस को उन सभी का सुराग मिला।

होस्टिंग प्लेटफॉर्म गिटहब ने सुली डील्स को जगह दी और उस पर बुली बाई भी बनाई गई। बाद में विवाद शुरू होने के बाद गिटहब ने यूजर बुली बाई को अपने होस्टिंग प्लेटफॉर्म से हटा दिया। लेकिन तब तक इसने देशव्यापी विवाद को जन्म दे दिया था। ऐप को एटदरेट बुली बाई नाम के एक ट्विटर हैंडल द्वारा भी प्रचारित किया जा रहा था, जिसमें एक खालिस्तानी समर्थक की डिस्प्ले तस्वीर थी।

आईएएनएस

Created On :   7 Jan 2022 1:00 PM IST

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