एनएचआरसी ने एनकाउंटर किलिंग पर असम के डीजीपी से मांगी कार्रवाई रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। एक वकील की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने राज्य पुलिस द्वारा कथित फर्जी मुठभेड़ों पर असम के पुलिस महानिदेशक से इस साल मई से अब तक की कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) चार सप्ताह के भीतर मांगी है। बुधवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि एनएचआरसी के कानून विभाग ने असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत को लिखे पत्र में 14 अक्टूबर तक एटीआर की मांग की है।
मई की शुरुआत से कम से कम 24 आरोपी मारे गए हैं और लगभग 40 अन्य घायल हो गए हैं, जब पुलिस ने उन पर गोलियां चलाईं, क्योंकि आरोपी ने कथित तौर पर हिरासत से या ऑपरेशन के दौरान भागने की कोशिश की थी।
एनएचआरसी का नोटिस, जिसकी एक प्रति असम मानवाधिकार आयोग (एएचआरसी) को दी गई थी, नई दिल्ली के वकील आरिफ जवादर द्वारा मई के बाद से कई आरोपी व्यक्तियों को मारने के लिए पुलिस मुठभेड़ों के बारे में शिकायत दर्ज कराने के बाद आई है। एएचआरसी ने जुलाई में, मीडिया रिपोर्टो के आधार पर इन मुठभेड़ों का स्वत:संज्ञान लिया था और प्रमुख सचिव (गृह) और राजनीतिक विभाग को उन तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए जांच करने के लिए कहा था, जो आरोपी कथित तौर पर हिरासत से भागने की कोशिश के दौरान या छापेमारी और ऑपरेशन के दौरान पुलिस फायरिंग में मरे या घायल हुए।
जवादर ने जुलाई के मध्य में एनएचआरसी में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया था कि मई में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सत्ता संभालने के बाद से असम में मुठभेड़ों में लोगों की हत्या बढ़ गई है। वकील ने अपनी शिकायत में कहा, सभी मारे गए और घायल आरोपी आतंकवादी नहीं हैं। चूंकि इन लोगों को आग्नेयास्त्रों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया जाता है, इसलिए यह बहुत कम संभावना है कि वे पुलिसकर्मियों से सर्विस रिवॉल्वर या हथियार छीन सकें।
आईएएनएस
Created On :   16 Sept 2021 1:00 AM IST