विलासिता के लालच ने पहुंचाया सलाखों के पीछे

Sukesh Chandrashekhar: The greed of luxury has led him behind the bars
विलासिता के लालच ने पहुंचाया सलाखों के पीछे
सुकेश चंद्रशेखर विलासिता के लालच ने पहुंचाया सलाखों के पीछे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सिल्क स्टॉकिंग चोर सुकेश चंद्रशेखर पिछले कुछ महीनों से शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। उस पर व्यापारियों, राजनेताओं और मशहूर हस्तियों को ठगने का आरोप है। यह करोड़पति ठग अगस्त में तब सुर्खियों में आया, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच के सिलसिले में चंद्रशेखर के चेन्नई स्थित समुद्र के सामने वाले शानदार बंगले में पहुंचे।

इस बंगले की कीमत करोड़ों रुपये में आंकी गई। बंगले में एक मूवी थिएटर, जिम, स्विमिंग पूल और एक मिनी बार सहित रूफटॉप मनोरंजन क्षेत्र था। बंगले के सभी कमरे महंगे फर्नीचर से भरे हुए थे और डाइनिंग रूम में एक बड़ी सी मेज थी।

बंगले के अहाते में लग्जरी कारों- लेम्बोर्गिनी, पोर्श, रोल्स रॉयस, फेरारी, बेंटले, मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और लैंड रोवर की कतार लगी हुई थी। एक रैक में सैकड़ों जोड़ी जूते थे, जो इतने महंगे ब्रांड के थे कि कोई गरीब आदमी वैसा एक जोड़ी जूता खरीदने के लिए अपने पूरे जीवन में भी उतना पैसा नहीं कमा सकता था।

वित्तीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने इस विशाल बंगले से 82.5 लाख रुपये नकद और एक दर्जन से अधिक लक्जरी कारों को जब्त कर लिया था। वही चंद्रशेखर अब राष्ट्रीय राजधानी की उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल में बंद है। वह इसलिए सुर्खियों में है, क्योंकि लोगों के मन में सवाल है कि 12वीं पास इस आदमी ने इतना पैसा कैसे इकट्ठा किया?

बेंगलुरु में एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मा चंद्रशेखर हमेशा करोड़पति बनने का सपना देखता था। अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए चंद्रशेखर ने गलत तरीकों से पैसा कमाने की ठानी। उसने 17 साल की उम्र से ही लोगों को ठगना शुरू कर दिया था। साल 2007 में उसने एक उच्च पदस्थ नौकरशाह होने का झांसा देकर नौकरी दिलाने के बहाने लगभग 100 लोगों को ठगा और उनसे 75 करोड़ रुपये वसूल किए। कुछ वर्षो के बाद उसने झांसा देकर राजनेता टी.टी.वी. दिनाकरन से 50 करोड़ रुपये वसूले।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिनाकरन की शिकायत के आधार पर चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया, जिसके बाद उसे तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह ठग जेल के अंदर से भी अपना रैकेट चलाता रहा। उस पर फोर्टिस हेल्थकेयर और रैनबैक्सी लैब के पूर्व प्रमोटरों शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह के परिवार से हाई-सिक्योरिटी जेल के भीतर रहते हुए 200 करोड़ रुपये वसूलने का आरोप है।

लेकिन उसने ऐसा किया कैसे?

उसे जेल के अंदर किसी की मदद जरूर मिल रही थी, लेकिन उस मदद की कीमत भी ज्यादा थी। कथित तौर पर ठग चंद्रशेखर एक सेलफोन चलाने के लिए रिश्वत के रूप में हर पखवाड़े 75 लाख रुपये का भुगतान कर रहा था। बाद में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने तिहाड़ जेल के पांच शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार किया।

सिंह बंधुओं को चकमा देने के लिए चंद्रशेखर की कार्यप्रणाली बेहद प्रभावशाली थी। शिविंदर की पत्नी को फोन करते हुए चंद्रशेखर ने केंद्रीय कानून सचिव अनूप कुमार बनकर उनके पति को जमानत दिलाने में मदद की पेशकश की। अगस्त 2020 में उसेने यह दिखाने के लिए एक स्पूफिंग ऐप का इस्तेमाल किया कि वह तत्कालीन केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के घर से कॉल कर रहा है। दिलचस्प बात यह है कि चंद्रशेखर हर कॉल डिस्कनेक्ट करने से पहले जय हिंद बोलता था।

इसी महीने की शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने शिविंदर की पत्नी से 200 करोड़ रुपये ठगने के मामले में आरोपी चंद्रशेखर, उसकी पत्नी लीना मारिया पॉल और अन्य 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। चंद्रशेखर और लीना दंपति के खिलाफ कथित तौर पर 32 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जो अलग-अलग अदालतों में लंबित हैं।

पुलिस ने चंद्रशेखर और उसकी पत्नी के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) भी लगाया है। इन दोनों के अलावा 10 अन्य लोगों के खिलाफ मकोका लगाया गया है। जांच अभी जारी है और दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करने के बाद 200 करोड़ रुपये की रंगदारी के मामले में कई गिरफ्तारियां की हैं।

आईएएनएस

Created On :   18 Nov 2021 8:30 PM IST

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