यूपी एसटीएफ ने अंतर्राज्यीय मानव रक्त तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया

UP STF busts interstate human blood smuggling racket
यूपी एसटीएफ ने अंतर्राज्यीय मानव रक्त तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया
भंडाफोड़ यूपी एसटीएफ ने अंतर्राज्यीय मानव रक्त तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सात सदस्यों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो राजस्थान के एक धर्मार्थ संस्थान को दान किए गए मानव रक्त यूनिट की तस्करी करते थे और उन्हें राज्य के अन्य हिस्सों में ब्लड बैंकों के माध्यम से बेचते थे। गिरफ्तार लोगों में लखनऊ के दो ब्लड बैंक के मालिक समेत पांच अन्य शामिल हैं, जिन्हें गुरुवार देर रात ठाकुरगंज से गिरफ्तार किया गया।

एसटीएफ की टीम ने आरोपियों के पास से बर्फ की थैलियों में रखा 302 यूनिट ब्लड, कृष्णा नगर के एक चैरिटेबल ब्लड बैंक के 21 जाली दस्तावेज, सात मोबाइल फोन, आधार, एटीएम और पैन कार्ड, दो कार और 20 हजार रुपये नकद बरामद किए हैं।

गिरफ्तार लोगों की पहचान कुशीनगर जिले के नौशाद (किंगपिन), लखनऊ के चौक के असद, उन्नाव के रोहित (एक निजी अस्पताल के कर्मचारी), लखनऊ के मड़ियां के करण मिश्रा (एक निजी अस्पताल के तकनीशियन), बाजारखाला के मोहम्मद अम्मार, गुडंबा के संदीप कुमार (ब्लड बैंक के कर्मचारी) और कृष्णा नगर के अजीत दुबे (नारायणी ब्लड बैंक के मालिक) के रूप में हुई है।

सभी सातों आरोपियों को मिडलाइफ ब्लड बैंक और अस्पताल से गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक प्रमेश शुक्ला ने बताया कि टीम को मानव रक्त की तस्करी की सूचना मिली थी। नौशाद ने कहा कि उसने और उसके सहयोगियों ने कृष्णा नगर में नारायणी ब्लड बैंक को रक्त के पैकेट से भरे दो कार्टन और मिडलाइफ ब्लड बैंक को दो कार्टन की आपूर्ति की थी।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कुछ धर्मार्थ संस्थान राजस्थान में रक्त शिविर आयोजित करने के लिए रक्त बैग एकत्र करते थे और इन रक्त बैगों को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके तस्करों को उच्च दरों पर बेचते थे।

उन्होंने कहा कि वह और उनके सहयोगी लखनऊ, बहराइच, उन्नाव, हरदोई और अन्य जिलों में राजस्थान के विभिन्न शहरों से रक्त की थैलियों की आपूर्ति कर रहे थे। पुलिस उपाधीक्षक ने कहा, नौशाद ब्लड बैग 700-800 रुपये में खरीदता था, जो कि बाजार मूल्य है और बाद में इन बैगों को 1,500 से 2,000 रुपये के ऊंचे रेट पर बेचता था।

सोर्स: आईएएनएस

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Created On :   1 July 2022 9:00 AM IST

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