आरटीआई कार्यकर्ता पर ‘तालिबानी’ बर्बरता, मारपीट के बाद पैर में ठोक दी कीलें
डिजिटल डेस्क, बाड़मेर। राजस्थान के बाड़मेर जिले में जोसोड़ों स्थित बेरी में रहने वाले 30 साल के आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम गोदरा ने ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार और अवैध शराब बेचने की शिकायत की थी। जब अमराराम जोधपुर से घर वापस आ रहे थे उसी समय बस से उतरने के दौरान नकाबपोश अज्ञात बदमाश दबंग आरटीआई कार्यकर्ता को स्कॉर्पियों गाड़ी से अपहरण कर अनजान जगह पर ले गए और उसके साथ मारपीट की।
यही नहीं दबंगों ने बड़ी बेहरमी से उसके हाथ-पैर तोड़ दिए। इतने से दिल नहीं भरा तो उसके दोनों पैरों पर छ: जगह सरिया और कीलें ठोंक दी। कई घंटों की यातना देने के बाद बदमाशों ने यह सोचकर सड़क पर फेंक दिया कि यह थोड़ी देर में मर जाएगा।
अनजान लोग और पुलिस ने की मदद
सड़क पर बेसुध पड़े अमराराम की सूचना लोगों ने पुलिस को दी। पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की देखरेख में घायल को इलाज के लिए बालोतरा ले कर गए। वहां पर आरटीआई कार्यकर्ता की हालात को गंभीर देखते हुए प्राथमिक उपचार किया गया। उसके बाद जोधपुर रेफर कर दिया गया।
अमराराम ने पुलिस को बताया कि मैं जोधपुर से बस में बैठकर अपने गाँव गया और बस से उतरने के बाद अपने घर पैदल जा रहा था। इसी दौरान एक स्कॉर्पियो में कुछ नकाबपोश बदमाशों ने मेरा अपहरण कर, अनजान जगह ले जाकर मेरे साथ मारपीट की और कुछ देर में, मैं मर जऊँगा यह सोचकर सड़क किनारे फेंक कर चले गए। दबंगों की तलाश में पुलिस ने चार टीमें गठित की हैं।
क्या पहले भी आरटीआई कर्यकर्ताओं पर हमला हुआ है ?
आरटीआई ( सूचना का अधिकार अधिनियम-2005) यह अधिनियम लोगों को शासकीय विभागों से सूचना लेने का अधिकार प्रदान करता है। यही अधिकार कई लोगों के लिए गले का फंदा बन जाता है। पहले भी राजस्थान के बाड़मेर जिले में अक्टुबर 2019 में पुश्तैनी भूमि विवाद के मामले को लेकर आरटीआई कर्यकर्ता जगदीश गोलियार और अन्य पक्ष में झगड़ा हुआ था। इसके बाद उनके ऊपर सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया था। उसके बाद जगदीश गोलियार जमानत के लिए पेशी पर गए थे उस दौरान तबीयत खराब होने के बाद उपचार के समय उनकी मौत हो गई थी।
Created On :   23 Dec 2021 5:29 PM IST