महिला आयोग ने चूड़ी फैक्ट्री से 5 नाबालिग लड़कों को रेस्क्यू करवाया, दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस

Womens Commission got 5 minor boys rescued from bangle factory, notice sent to Delhi Police
महिला आयोग ने चूड़ी फैक्ट्री से 5 नाबालिग लड़कों को रेस्क्यू करवाया, दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस
बाल मजदूरी महिला आयोग ने चूड़ी फैक्ट्री से 5 नाबालिग लड़कों को रेस्क्यू करवाया, दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग ने जहांगीरपुरी में चूड़ी बनाने वाली फैक्ट्री से 5 नाबालिग लड़कों को रेस्क्यू करवाया। इसके साथ ही आयोग ने एफआईआर दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी किया है। दिल्ली महिला आयोग ने सोमवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में एक चूड़ी बनाने वाली फैक्ट्री में बाल मजदूरी करने वाले पांच नाबालिग लड़कों को रेस्क्यू किया। आयोग को 181 महिला हेल्पलाइन पर एक व्यक्ति ने सूचना दी।

कॉल करने वाले ने बताया कि जहांगीरपुरी इलाके में एक चूड़ी बनाने की फैक्ट्री है जिसका मालिक 5 नाबालिग लड़कों से बाल श्रम करवा रहा था और उन बच्चों के साथ बदसलूकी करता था एवं उनको बेरहमी से मारता पीटता था।

सूचना मिलने के तुरंत बाद ही आयोग की एक टीम दिल्ली पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और 5 नाबालिग लड़कों को वहां से मुक्त करवाया। आयोग द्वारा रेस्क्यू किए गए पांच बच्चों में से दो की उम्र 8 साल, एक की 10 साल तथा बाकी दो की उम्र 13 साल थी। रेस्क्यू के बाद बच्चों ने आयोग को बताया कि वे बिहार के रहने वाले हैं और घर में आर्थिक तंगी होने के कारण काम करने के लिए दिल्ली आए थे।

लड़कों को एक चूड़ी बनाने की फैक्ट्री में काम पर रखा गया था, जहां फैक्ट्री मलिक द्वारा उनके साथ दुर्व्यहार किया जाता था तथा कई बार बेरहमी से पीटा भी जाता था। उन्होंने आगे ये भी बताया कि मालिक ने उन्हें चूड़ियां बनाने के लिए प्रति माह 4000 रुपये देने का वादा किया था, मगर अभी तक उन्हे कुछ भी राशि नहीं मिली है।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर मामले में जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज करने एवं आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की। इस मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में सैकड़ों बच्चों का बचपन गरीबी के कारण कुर्बान हो जाता है। ये बेहद दु:ख की बात है कि स्कूल जाने और खेलने कूदने की उम्र में इन बच्चों को काम करने के लिए मजबूर किया गया और बेरहमी से पीटा गया।

मैं उस व्यक्ति की आभारी हूं, जिन्होंने कॉल कर आयोग को मामले की सूचना दी और बच्चों को बचाने में आयोग की मदद की। हमने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। नियोक्ता और उसके साथियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इन बच्चों का बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा उचित पुनर्वास किया जाना चाहिए ।

आईएएनएस

Created On :   3 May 2022 4:30 PM IST

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