ब्रिटेन में साथी भारतीय की हत्या के आरोप में दो किशोरों को सुनाई सजा

ब्रिटेन में साथी भारतीय की हत्या के आरोप में दो किशोरों को सुनाई सजा

डिजिटल डेस्क, लंदन। पिछले साल इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र में गलत पहचान के आधार पर 16 वर्षीय किशोर की चाकू मारकर हत्या करने के आरोप में भारतीय मूल के दो किशोरों को जेल की सजा सुनाई गई है। पिछले साल जून में वॉल्वरहैम्प्टन में रोनन कांडा पर 17 वर्षीय प्रबजीत वेधेसा और सुखमन शेरगिल ने चाकू और तलवार से हमला किया था। इससे कांडा की मौके पर ही मौत हो गई। वेधेसा को गुरुवार को वॉल्वरहैम्प्टन क्राउन कोर्ट में न्यूनतम 18 साल की सजा सुनाई गई, जबकि शेरगिल को कम से कम 16 साल की सजा सुनाई गई। अदालत ने कहा कि यद्यपि रोनन पर हमला केवल वेधेसा ने ही किए थे, लेकिन शेरगिल ने इसमें सहयोग किया।

वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस के अनुसार, 29 जून, 2022 को रोनन एक प्लेस्टेशन कंट्रोलर खरीदने के लिए दोस्त के घर गया था, जब वीधेसा ने उसका पीछा किया और हमला किया। वेधेेेसा का रोनन के एक दोस्‍त के साथ वि‍वाद था। वेधेसा ने एक तलवार और एक बड़ा चाकू ऑनलाइन खरीदा था। पुलिस ने बताया कि हमले रोनन गंभीर रूप से घायल हो गया था और उसकी मौकेे पर ही मौत हो गई।स रोनन की पीठ और कूल्हे के क्षेत्र में 20 सेमी गहरा और सीने में 17 सेमी गहरा घाव हुआ।

अधिकारियों ने मामलेे की जांच शुरू की और सीसीटीवी से हुई पहचान के आधार पर चार गिरफ्तारियां की। वेस्ट मिडलैंड्स के डिटेक्टिव इंस्पेक्टर एड जॉर्ज ने कहा, "एक बच्चे को खोने का दर्द अथाह है, लेकिन अगर यह गलत पहचान से हुई हो, तो दर्द और बढ़ जाता है। मैं रोनन के परिवार को होने वाले दुख की कल्पना भी नहीं कर सकता। उन्‍होंने कहा, “मुकदमे में शामिल प्रतिवादी भी युवा हैं और उन्‍होंने इस घटना से अपना जीवन भी बर्बाद कर दियाा। उनके परिवारों को भी लंबी जेल की सज़ा का सामना करना पड़ेगा।”

बीबीसी के अनुसार, वॉल्वरहैम्प्टन क्राउन कोर्ट में सजा सुनाने से पहले, न्यायाधीश ने किशोरों के नाम बताने पर रिपोर्टिंग प्रतिबंध हटा दिया। उन्होंने कहा कि चाकूबाजी से जुड़े अपराध की गंभीरता के बारे में कड़ा संदेश देने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है। अदालत में पढ़े गए एक बयान में उसकी मां, पूजा ने कहा, मुझे याद है कि उसके पिता ने उसे स्नूकर क्लब छोड़ने से पहले उसके गाल को चूमा था और कहा था कि तुम बहुत सुंदर लग रहे हो और मैं उसकी ओर हाथ हिला रही थी। मैं इसे हर दिन अपने दिमाग में दोहराती हूं। वह आखिरी बार था जब मैंने अपने बेटे को जीवित देखा था। “इसके साथ ही मैंने जीवन भर के सपनों, योजनाओं, आशाओं और इच्छाओं को खो दिया है। इस धरती पर कोई भी चीज़ मेरे बेटे को अपनी बाहों में पकड़ने की मेरी मातृ इच्छा को पूरा नहीं कर पाएगी।”

रोनन के पिता, चंदर ने लिखा: “रोनन केवल मेरा बेटा नहीं था, वह मेरी दुनिया, मेरा दोस्त और हमारे परिवार की आत्मा था। वह वह व्यक्ति था, जो हमें हँसाता था और यह एहसास कराता था कि जीवन वह है जिसे आप बनाते हैं और एक परिवार के रूप में पृथ्वी पर अपने कीमती समय का आनंद लेते हैं।

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Created On :   14 July 2023 9:24 AM IST

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