इस सुनहरे पर्वत पर सुनाई देती है मृदंग की आवाज, जानें कैलाश से जुड़े रोचक FACTS

About Kailash Mansarovar and the story of Om parvat at Kailash
इस सुनहरे पर्वत पर सुनाई देती है मृदंग की आवाज, जानें कैलाश से जुड़े रोचक FACTS
इस सुनहरे पर्वत पर सुनाई देती है मृदंग की आवाज, जानें कैलाश से जुड़े रोचक FACTS

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कैलाश मानसरोवर जिसे भगवान शिव का घर भी कहा जाता है। कितने ही सीरियल्स और फिल्मों में भी कैलाश को भगवान शिव के निवास स्थान के रूप में दिखाया जाता है। यहां हम आपको कैलाश से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के संबंध में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे। 

 

कैलाश मानसरोवर की यात्रा बेहद कठिन है। यहां पहुंचने के लिए भक्तों को अनेक कठिनाईयों से गुजरना होता है। यह स्थाना बर्फ से ढका हुआ है यहां कड़ाके की सर्दी पड़ती है। कैलाश अपने आप में ही एक अनोखा स्थान है। सूर्य की पहली किरणें जब कैलाश पर्वत पर पड़ती हैं तो यह पूर्ण रूप से सुनहरा हो जाता है। 

 

नीचे या दूर से देखने पर आपको एहसासा होगा कि आप किसी ऐसे पर्वत को देख रहे हैं जो पूरी तरह सोने या गोल्ड से बना हुआ है। यह नजारा बहुत ही अलौकिक होता है। 


कैलाश मानसरोवर की यात्रा यूं ही अविस्मरणीय नही कही जाती। यहां यात्रा के दौरान पर्वत पर बर्फ से बने साक्षात ॐ के दर्शन भी होते हैं। इस अद्भुत यात्रा में आपको हर कदम पर अलग ही एहसास होंगे। यहां कोने-कोने में दिव्यता प्रतीत होती है।

 

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देवी पार्वती के साथ कैलाश पर शिव का निवास होने के अनेक प्रमाण भी मिलते हैं। जिनका उल्लेख पुराणों में भी है। ऐसा भी कहा जाता है कि शिव-पार्वती का घर होने की वजह से यहां अनेक साधु-संत तप करने आते हैं और युगों तक साधना में लीन रहते हैं।

 

मान्यता के अनुसार ब्रम्हदेव ने इस सरोवर को अपने मन मस्तिष्क से बनाया था। देवतागण यहां प्रातः 3 से 5 के बीच स्नान करने आते हैं। ब्रम्हमुहूर्त के इस काल में यहां किसी साधारण व्यक्ति के लिए ठहरना संभव नही है।

 

ऐसा भी कहा जाता है कि देवी सती का हाथ इसी स्थान पर गिरा था। जिसकी वजह से यह स्थान निर्मित हुआ है।

 

-ऐसा माना जाता है कि नीलकमल भी सिर्फ मानसरोवर में ही खिलता है और दिखाई देता है। गर्मी के दिनों में जब मानसरोवर की बर्फ पिघलती है तो एक आवाज भी सुनाई देती है। श्रद्धालु मानते हैं कि यह मृदंग की आवाज है।

Created On :   12 Dec 2017 4:19 AM GMT

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