अक्षय तृतीया : जानिए खरीदी के शुभ मुहूर्त और किन चीजों का करें दान

अक्षय तृतीया : जानिए खरीदी के शुभ मुहूर्त और किन चीजों का करें दान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस बार ये तिथि 18 अप्रैल को है। मान्यता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। इसके कोई मुहूर्त देखने की भी आवश्यकता नहीं होती है। अक्षय तृतीया को व्यापार के लिए अमृत माना जाता है क्योंकि इस दिन पड़ने वाले शुभ मुहूर्तों में कोई भी सामान खरीदना शुभ माना जाता है। यह भी माना जाता है कि इन दिनों खरीदा गया सामान कभी समाप्त नहीं होता। आप भी जानें अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्तों के बारे में।

17 अप्रैल, मंगलवार  से शुरू होकर 26 अप्रैल, रविवार तक हर दूसरे दिन सर्वार्थसिद्धि, अमृत सिद्धि और रवि पुष्य नक्षत्र जैसे खरीदी के कई बड़े महामुहूर्त हैं। इसका कारण है 14 अप्रैल को सूर्य का मेष राशि में आना, जिससे शुभ कार्य प्रारंभ हो गए हैं।

 


शुभ मुहुर्त : 

सुबह : 6 बजे से 8 बजे तक विशेष पूजा पाठ, जप, सिद्धि प्राप्ति के लिए अच्छा समय है।
दोपहर : 1:39 से 3:51 तक विशेष वस्तु क्रय करने के लिए, विवाह के कार्य के लिए शुभ समय है। 
रात्रि : 8 से 11 बजे तक वस्तु क्रय-विक्रय करने एवं वैवाहिक कार्य करने के लिए भी विशेष हैं। 
रात्रि में विवाह संपन्न किए जाने का शुभ मुहूर्त है 10 बजे से 12 बजे तक, 12:30 बजे से 2 बजे तक और 3 बजे से 4:30 बजे तक है।
 


अक्षय तृतीया के दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन 14 दान ऐसे हैं जिन्हें करना महत्वपूर्ण माना जाता है।

अक्षय तृतीया के दिन गौ दान, भूमि दान, तिल दान, स्वर्ण दान, घी का दान, वस्त्र दान, धान्य का दान, गुड़ का दान, चांदी का दान, नमक का दान, शहद का दान, मटकी का दान, खरबूजा का दान, कन्यादान करना महत्वपूर्ण माना गया है।

अक्षय तृतीया स्वयं सिद्धा मुहूर्त तो है ही, साथ ही ये दिन कई और वजहों से भी खास माना जाता है। इस तिथि को भगवान परशुराम ने अवतार लिया था, मां गंगा का अवतरण भी इसी दिन माना जाता है।
 


इन कारणों से भी मनाई जाती है अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया कोई भी कार्य करने के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त होता है। ये स्वयंसिद्धा मुहूर्त है इस दिन कोई भी कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं है। अक्षय तृतीया सिर्फ अक्षय फल हेतु ही नहीं अपितु कई और घटनाएं इस दिन हुई थीं जिनके लिए भी मनाया जाता है।

  • अक्षय तृतीया के दिन सूर्य चन्द्रमा क्रमशः मेष, वृषभ राशियों में होता है इसलिए अक्षय तृतीया मनाई जाती है
     
  • इस दिन भगवान श्री विष्णु के छठवें अवतार परशुराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है
     
  • इस दिन पृथ्वी लोक पर गंगा माता का अवतरण भी माना जाता है
     
  • माता अन्नपूर्णा का अवतरण भी अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था।
     
  • अक्षय तृतीया के दिन धन कुबेर को पुनः लक्ष्मी का भंडार मिला था।
     
  • वेदव्यास जी ने महाभारत के लेखन का शुभारंभ अक्षय तृतीया के दिन ही किया था
     
  • द्रोपदी को भगवान श्रीकृष्ण ने इस ही दिन अक्षय चीर (साड़ी) दी थी। 
     
  • इस दिन ही धर्मराज युधिष्टिर को अक्षय पात्र प्राप्त हुआ था
     
  • अक्षय तृतीया के दिन ही सुदामा ने द्वारिका में श्रीकृष्ण से भेंट की थी।
     
  • इस दिन ही जैन धर्म में भगवान ऋषभदेव ने गन्ने का रस ग्रहण कर वर्षीतप का परना किया था।

Created On :   17 April 2018 7:13 AM GMT

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