पहली बार जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे बांधवगढ़ किला के द्वार

For the first time, the doors of Bandhavgarh fort were closed for devotees on Janmashtami
पहली बार जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे बांधवगढ़ किला के द्वार
पहली बार जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे बांधवगढ़ किला के द्वार

कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने उठाया कदम
डिजिटल डेस्क उमरिया।
कृष्ण जन्माष्टमी के लिए शहडोल संभाग में प्रसिद्ध बांधवगढ़ में  इस बार त्यौहार आज फीका रहा  कोरोना संक्रमण के चलते श्रीरामजानकी मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। परंपरा अनुसार केवल पांच लोग (रीवा रियासत से दिव्यराज सिंह, वसुंधरा राजलक्ष्मी, प्रशांत सिंह, नरेन्द्र चतुर्वेदी तथा ताला सरपंच रतिभान सिंह) ने सुबह जाकर पूजा अर्चना कीे। दिनभर ताला में मेला, पार्क में आम नागरिकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। मंगलवार को दिनभर राजस्व, पुलिस विभाग व पार्क अमले की टीमें घूमती रहीं। बांधवगढ़ से जुड़े प्रबुद्ध लोग बताते हैं यह पहली बार है जब जन्माष्टमी में आम लोगों के लिए किला के द्वार बंद रहे। इसके पूर्व 2010 में कोर्ट की पाबंदी थी। फिर भी सीमित लोगों के लिए इसे पूजा आदि के लिए खोला गया था।
खास है बांधवगढ़ का किला
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में इस किले का निर्माण दो हजार साल पहले हुआ था। रीवा के बघेल राजवंशों की यहां राजधानी हुआ करती थी। वर्तमान में यह 1536 वर्ग किमी. क्षेत्र के मध्य ताला रेंज में स्थित है। मान्यता है कि इसका निर्माण रामायण काल में श्रीराम जी ने कराया था। फिर भ्राता लक्ष्मण को दे दिया था। सन 1617 में यहां से राजा विक्रमादित्य ने अपनी राजधानी बांधवगढ़ से रीवा ले गए थे। यहां बघेल राजाओं ने जंगल काटने में प्रतिबंध लगा दिया। 1935 तक किला कुछ ठीक था। 1968 में सरकार ने इसे नेशनल पार्क घोषित किया। 1972-73 में बाघों की आबादी को संरक्षित करने टाईगर रिजर्व के रूप में दर्जा दिया गया है। इस तरह 105 वर्ग किमी. से शुरू हुआ सफर 1536 वर्ग किमी. तक फैला है। वर्तमान में 124 बाघ किला व जंगल की रक्षा करते हैं। हर साल जन्माष्टमी में यहां मेला लगता है। जिले के साथ ही दूसरे प्रदेश से आम नागरिक नि:शुल्क 8-10 किमी. पैदल जाकर मंदिर पहुंचते हैं। किला में बांधवाधीश स्थित राम, जानकी व लक्ष्मण जी की प्रतिमाएं हैं। कबीर गुफा,  सीता गुफा तथा शेष शैय्या रूप के साथ भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की प्रतिमाएं खण्डित हैं।
 

Created On :   12 Aug 2020 9:42 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story