यहां रखी है पैगम्बर मोहम्मद साहब की ये चीज, देखने जुटेंगे लाखों लोग
डिजिटल डेस्क, अजमेर। इस शहर से भी हजरत मोहम्मद साहब का खास रिश्ता है। 2 दिसंबर का दिन इस शहर के लिए खास है। इस दिन दरगाह को सुंदर रोशनी से सजाया जाएगा। कई कार्यक्रम होंगे। सिर्फ मुस्लिम ही नही अन्य धर्मावलंबी भी इस दिन दरगाह पहुंचेंगे। कहा जाता है कि इस दिन लाखों की संख्या में यहां अकीकतमंद एकत्रित होते हैं।
मोहम्मद साहब की एक खास चीज
अजमेर में यह दिन बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। आखिर यहां मोहम्मद साहब की एक खास चीज जो रखी है। इसकी जियारत भी इसी दिन विशेष रूप से कराई जाती है। यही वजह है कि इस एक दिन के लिए लाखों लोग यहां दस्तक देते हैं।
दरगाह में होंगे खास कार्यक्रम
2 दिसम्बर को बारावफात पैगम्बर मोहम्मद का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इससे पहले 26 नवंबर को ख्वाजा गरीब नवाज की महाना छठी मनाई जाएगी। 28 नवंबर को नातिया मुशायरा किया जाएगा। वहीं चार की नौ ग्यारह तारीख तक अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे। 2 दिसंबर चांद की बारह तारीख पर दरगाह में मिलाद शरीफ होगा। कार्यक्रम की भव्यता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि बारावफात पर बड़े पीर की पहाड़ी से तोपों की सलामी दी जाएगी साथ ही शाहजहांनी गेट पर शादियाने बजेंगे।
800 सालों से जारी है सिलसिला
मुस्लिम धर्मावलंबी हजरत इमाम की शहादत यानि मोहर्रम और उसके बाद चालीस दिन तक शोक में रहते हैं। बारावफात से मुस्लिम परिवारों में निकाह सहित अन्य खुशी के कार्यक्रमों की शुरूआत होती है। अजमेर में इस परंपरा को निभाते 8 सौ साल से अधिक बीत चुके हैं। इस दिन की खुशियां सभी एक-दूसरे को मुबारकबाद के साथ देते हैं।
मू-ए-मुबारक की जियारत
दरअसल, पैगम्बर मोहम्मद के दाढ़ी के बाल जिन्हें मू-ए-मुबारक भी कहा जाता है इसी स्थान पर सहेज कर रखे गए हैं। यह ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में उनके खादिमों के पास अब भी सुरक्षित हैं। मू-ए-मुबारक की जियारत उनके जन्मोत्सव पर खादिम हर साल कराते हैं।
Created On :   24 Nov 2017 4:15 AM GMT