माँ भगवती काली सुखों की उत्पत्ति, कष्ट व रोगों का करती हैं हरण

Maa Bhagwati creates black happiness, causes suffering and diseases
माँ भगवती काली सुखों की उत्पत्ति, कष्ट व रोगों का करती हैं हरण
माँ भगवती काली सुखों की उत्पत्ति, कष्ट व रोगों का करती हैं हरण

शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि आज, दुर्गा पण्डालों में माँ के दर्शन करने पहुँच रहे लोग 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
शारदीय नवरात्रि पर अब श्रद्धालु शक्ति की भक्ति में लीन हो गए हैं। पूजन-अर्चन, पाठ, अनुष्ठान किए जा रहे हैं। माता से प्रार्थना की जा रही है। दुर्गा पण्डालों में विद्युत साज-सज्जा की गई है। लोग माँ के दर्शन करने पहुँच रहे हैं। माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। दुर्गा पूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। 23 अक्टूबर शुक्रवार को माँ कालरात्रि की सप्तमी तिथि है। श्री सिद्ध शक्ति पीठ कालीधाम ग्वारीघाट के दंडी कालिकानंद सरस्वती महाराज ने माँ कालरात्रि की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि माँ भगवती काली का रंग काला है जिसमें सभी रंग समाहित हो जाते हैं।  माँ भगवती काली सुखों की उत्पत्ति करती हैं और कष्ट व रोगों को समाप्त करती हैं।  जीवों के कष्टों को अपने में समाहित करके सभी सुखों को प्रदान करती हैं। काली का रंग भले ही काला है पर कपट नहीं है। वे सभी समाज के लिए प्रेम और वरदान प्रदान करती हैं। 
सुन सीता सुंदरमुखी, चपल नयन चितचोर
 सुन सीता सुंदरमुखी-चपल नयन चितचोर, बस एक बार अनुराग से तू देख ले मेरी ओर.। ये कहते हुए रावण ने लंबा मायाजाल फैलाया, पर सीता जी पर इसका कोई असर नहीं हुआ। वे मन-वचन-कर्म से बस राम-राम करती रहीं।  गोविंदगंज रामलीला मंच पर लंका दहन की मानस लीला में इसी प्रसंग पर प्रस्तुति हुई। 
 

Created On :   23 Oct 2020 8:38 AM GMT

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