नवमी को हवन के साथ होगी पूर्णाहुति, यहां पढे़ें पूजन का शुभ मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, भोपाल। शारदीय नवरात्र में नवमी तिथि के अब बस एक दिन शेष रह गया है। गुरूवार को दुर्गाष्टमी के विशेष पूजन, कन्या भोज के बाद पंडालों में जगह-जगह हवन, अनुष्ठान का आयोजन होगा। अनेक व्रतधारी घरों में कुलदेवी का पूजन करेंगे। शारदीय नवरात्र में अष्टमी, नवमी को कुलदेवी पूजन का अत्यधिक महत्व है। नवमी के दिन ही पूर्णाहुति के साथ मां का आशीर्वाद प्राप्त किया जाएगा। इसके बाद दशहरा जुलूस आयाेजित हाेगा।
कन्या पूजन
अष्टमी गुरुवार 28 सितंबर सूर्योदय से प्रारंभ होकर 7.20 बजे तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। हालांकि दोनों ही दिन अपनी-अपनी मान्यता और परंपरा के अनुसार दुर्गा पूजन और कन्याभोज का महत्व है। मां गौरी को अन्नपूर्णा का अवतार माना जाता है इसलिए अष्टमी के दिन अन्नकूट पूजा यानि कन्या पूजन करना अति उत्तम माना गया है। विशेषज्ञों के अनुसार महागौरी को प्रसन्न करने के लिए कन्या पूजन बेहद सार्थक उपाय है।
हर दिन महत्व
पंडित रोहित दुबे ने बताया कि नवरात्रि के सभी दिनों में कन्या भोजन का विधान है लेकिन अष्टमी के दिन इसका विशेष महत्व है। इस दिन महिलाएं देवी मां को चुनरी भेंट कर अपने सुहाग की रक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं।
अष्टमी पूजन मुहूर्त (चाैघड़िया के अनुसार)
- सुबह 9.00 से 7.30 बजे शुभ
- सुबह 10.30 से 12 बजे चर
- दोपहर 12.00 से 1.30 बजे लाभ
- दोपहर 1.30 से 3.00 बजे अमृत
- शाम 7.30 से रात 9.00 बजे तक चर।
नवमी का मुहूर्त
- 7.30 से 9.00 बजे लाभ
- सुबह 9.00 से 10.30 बजे अमृत
- दोपहर 12.00 से 1.30 बजे लाभ
- शाम 4.30 से 6.00 बजे चर
- रात 9.00 से 10.30 बजे लाभ।
Created On :   28 Sep 2017 2:54 AM GMT