ट्रेनिंग द ट्रेनर्स: IIMC और ASCI द्वारा 4 जुलाई को आयोजित होगा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम

IIMC और ASCI द्वारा 4 जुलाई को आयोजित होगा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
भविष्य के विज्ञापन पेशेवरों के निर्माण की दिशा में होगा महत्‍वपूर्ण कदम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) एवं भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) द्वारा 4 जुलाई, 2025 को नई दिल्ली स्थित आईआईएमसी परिसर में एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम विज्ञापन एवं मीडिया शिक्षा में नैतिक अनुशासन, जवाबदेही तथा नियामक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह एफडीपी, आईआईएमसी और एएससीआई की उस व्यापक पहल का हिस्सा है, जिसके तहत शिक्षकों को सशक्त किया जाएगा, ताकि वे भावी विज्ञापन पेशेवरों को वैचारिक रूप से सजग, ज़िम्मेदार और नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण मार्गदर्शन दे सकें।

कार्यक्रम में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सी. सेन्थिल राजन, आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर, एएससीआई की मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं महासचिव सुश्री मनीषा कपूर, सहित कई विशिष्ट अतिथि एवं वरिष्ठ संकाय सदस्य उपस्थित रहेंगे। दिल्ली एवं एनसीआर क्षेत्र के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में मीडिया, संचार, विज्ञापन, विधि, प्रबंधन एवं विपणन विषयों का शिक्षण करने वाले लगभग 100 संकाय सदस्य इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर ने बताया, “मीडिया एवं संचार शिक्षा के क्षेत्र में देश का सबसे अग्रणी संस्थान होने के नाते, आईआईएमसी भावी संप्रेषकों में नैतिक जागरूकता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति प्रतिबद्धता विकसित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। वर्तमान मीडिया परिदृश्य में यह आवश्यक हो गया है कि विज्ञापन पेशेवर न केवल रचनात्मक दृष्टि से समृद्ध हों, बल्कि नैतिक दृष्टिकोण से भी संतुलित हों। एएससीआई के साथ इस साझेदारी के माध्यम से हम शिक्षकों को ऐसे उपकरण एवं ज्ञान प्रदान करना चाहते हैं, जो अगली पीढ़ी में जिम्मेदार विज्ञापन मूल्यों को स्थापित करने के लिए आवश्यक हैं। यह कार्यक्रम शैक्षणिक विमर्श में औद्योगिक मानकों एवं नियामक संरचनाओं के एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

एएससीआई की सीईओ एवं महासचिव सुश्री मनीषा कपूर ने कहा, “पिछले कुछ दशकों में भारत के मीडिया परिदृश्य का अत्यंत तीव्र विस्तार हुआ है, जिसके साथ-साथ विज्ञापन की मात्रा एवं विविधता में भी व्यापक वृद्धि हुई है। ऐसे समय में उपभोक्ताओं को भ्रामक अथवा गुमराह करने वाली प्रचार सामग्री से सुरक्षित रखने हेतु प्रभावी नियमन आवश्यक है। एएससीआई कोड समय के साथ उद्योग और उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए विकसित होता रहा है। इस क्रम में हम भारतीय जन संचार संस्थान के साथ मिलकर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने की इस पहल में सहभागी बनकर अत्यंत प्रसन्न हैं, ताकि वे भावी विज्ञापन विशेषज्ञों एवं नेतृत्वकर्ताओं को तैयार कर सकें।

कार्यक्रम के संयोजक प्रो. प्रमोद कुमार के अनुसार, इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में विज्ञापन की नैतिकता, स्वनियमन तंत्र, एएससीआई संहिता, तथा विज्ञापन विमर्श के निर्माण में मीडिया शिक्षकों की भूमिका जैसे विषयों पर विविध सत्र आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि “यह आयोजन आईआईएमसी की उस कार्यनीति को सुदृढ़ करता है, जिसके अंतर्गत शैक्षणिक और औद्योगिक सहयोग के माध्यम से विद्यार्थियों को केवल व्यावसायिक उत्कृष्टता ही नहीं, बल्कि नैतिक नेतृत्व के लिए भी तैयार किया जाता है।

Created On :   2 July 2025 6:14 PM IST

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