Sex Education: बच्चों को सेक्स की दें ये जरूरी जानकारी, ताकि वो गुमराह न हो

sex sex education sex information parents should talk to children openly about sex physical relation condom masturbation
Sex Education: बच्चों को सेक्स की दें ये जरूरी जानकारी, ताकि वो गुमराह न हो
Sex Education: बच्चों को सेक्स की दें ये जरूरी जानकारी, ताकि वो गुमराह न हो

डिजिटल डेस्क। हम भले ही 21वीं सदी में क्यों न जी रहे हो, लेकिन सेक्स जैसे किसी भी शब्द को सुनते ही हम आज भी खुद को असहज महसूस करने लगते हैं। ऐसे में हमारे लिए उन विषयों पर बात करना और भी मुश्किल हो जाता है। जब बच्चे भी इसे लेकर हमसे कोई सवाल पूछने लगते हैं, तो हमें शर्म आती है और कभी-कभी हम बच्चों को डांट भी देते हैं। याद रहे कि बच्चों को उनके दोस्तों या पॉर्न साइट से सेक्स के बारे में गलत जानकारी मिलने से कई बेहतर कि पेरेंट्स उन्हें सही और सुरक्षित जानकारी दें।

टीवी पर कॉन्डम की एडवर्टीजमेंट्स में किसी कपल को सेक्स संबंधित स्थिति में देखना बच्चों में इस बात की उत्सुकता पैदा कर देता है कि आखिर दोनों कर क्या रहे हैं? और यदि यह सवाल उन्होंने हमसे पूछ लिया, तो हम चाहते हैं कि किसी तरह से बस वहां से गायब हो जाए। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर सेक्स को लेकर पेरेंट्स बच्चों के साथ बातचीत कैसे और कब शुरू करें?

ये भी पढ़ें : 10वीं और 12वीं के छात्र Board Exams में अपनाएं ये टिप्स, मिलेगी बड़ी सफलता

किस उम्र में क्या बताएं ?

  • 6 से 7 साल के बच्चों को - उनके पूछे गए सवालों के जबाब दें
  • 8 से 11 साल के बच्चों को - प्यूबर्टी यानी उनके शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में बताएं
  • 12 से 19 साल के बच्चों को - प्रेग्नेंसी, टीनएज में प्रेग्नेंसी, कम उम्र में प्रेग्नेंसी के दुषपरिणाम, कम उम्र में सेक्स करने के दुष्प्रभाव, सेक्शुअल हैरेसमेंट, अबॉर्शन और कम उम्र में अबॉर्शन के दुषपरिणाम और एड्स (AIDS) व एचआईवी (HIV) के बारे में बताएं।

जब बच्चे बार-बार पूछे सवाल
हमारे लिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि क्या हमारे बच्चे इस बारे में जानने और समझने के लिए सक्षम हैं? इसके लिए बच्चों की कोई निश्चित उम्र तय नहीं की जा सकती, लेकिन जब बच्चों में इस विषय को लेकर उत्सुकता दिखने लगे या बार-बार वे आपसे इसे लेकर सवाल पूछने लगे, तब समझ जाएं कि अब आप अपने बच्चे से इस बारे में जानकारी शेयर कर सकते हैं। आप इसकी शुरुआत शारीरिक अंगों को उनके सही नामों से पुकारकर कर सकते हैं, अब आप कोड वर्ड का इस्तेमाल करना बंद कर दें।

बच्चों को जागरूक करें
पेरेंट्स को इस बात की चिंता छोड़ देनी चाहिए कि बच्चे मासूम हैं और उनका सेक्स से कोई लेना - देना नहीं हैं। दरअसल आजकल के समय में बच्चों को सेक्स को लेकर जागरूक करना बेहद जरूरी है, नहीं तो वे गलत दिशा में भटक सकते हैं। इसलिए बिना किसी हिचकिचाहट से पेरेंट्स को बच्चों से खुलकर इस विषय पर बात करनी चाहिए। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, तो उन्हें बताना चाहिए कि बच्चे कैसे पैदा होते हैं। इसके अलावा उन्हें यह भी बताना चाहिए कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर माता - पिता और डॉक्टर्स ही उनके निजी अंगों को छू सकते हैं। इसके अलावा किसी अन्य को इसकी इजाजत नहीं है।

खुलकर करें बात ?
सेक्स के बारे में बात करना एक निरंतर प्रक्रिया है। पेरेंट्स को अपने बच्चों से खुलकर सेक्स रिलेटेड सब्जेक्ट जैसे प्रेग्नेंसी, मास्टरबेशन, एट्रेक्शन और फिजीकल अट्रेक्शन के बारे में बात करनी चाहिए। कभी - कभी टीनएज (किशोरावस्था)  में बच्चों को उनके वर्जिन होने के कारण उनके दोस्तों से कई उपहासों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में माता-पिता होने के नाते आपका उनसे बात करना बेहद जरूरी है, ताकी वे गलत रास्ते पर न जा सकें।

ये भी पढ़ें : HEALTH: रोजाना संभोग से होते हैं ये चमत्कारी फायदे, जानकर आप भी हो जाएंगे

Created On :   22 Feb 2020 7:35 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story