फिल्म रिव्यू: डकैतों से बदला लेने की दमदार कहानी पर आधारित एक रोचक फ़िल्म है 'डकैत ऑफ धौलपुर'
- फिल्म : डकैत ऑफ धौलपुर कलाकार : मनोज चतुर्वेदी, राधा अजमेरा, संतोष याग्निक, सुधीर शुक्ला लेखन और निर्माण : मनोज चतुर्वेदी निर्देशक : अफ़ज़ल ख़ान संगीतकार : लोकेश कुशवा और हरीश शर्मा रेटिंग : 4 स्टार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राजस्थान का धौलपुर और आसपास का इलाका आज भी डकैतों के आतंक के लिहाज़ से काफ़ी संवेदनशील इलाका माना जाता है. धौलपुर में डकैतों के आतंक की पृष्ठभूमि पर बनी फ़िल्म 'डकैत ऑफ़ धौलपुर' यूं तो एक काल्पनिक फ़िल्म है मगर इस फ़िल्म की कहानी कहीं न कहीं स्थानीय स्तर पर घटित कई सत्य घटनाओं से प्रेरित भी है जिसे बड़े ही सशक्त अंदाज़ में बड़े पर्दे पर पेश किया गया है.
भारत के कई इलाके डकैतों के आतंक के लिहाज़ से कुख्यात रहे हैं जिनमें धौलपुर का इलाका भी एक है. फ़िल्म 'डकैत ऑफ़ धौलपुर' में दिखाया गया है कि किस तरह से किसानी कर अपना पेट भरने वाले मासूम किसानों की ज़मीनों को हथियाने के लिए डकैतों द्वारा उनपर बेतहाशा ज़ुल्म ढहाए जाते हैं और विरोध करने वालों को बड़ी ही बेरहमी के साथ मौत के घाट उतार दिया जाता है.
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लेकिन फ़िल्म में एक बड़ा मोड़ तब आता है जब डकैतों के ज़ुल्म से परेशान धौलपुर के किसान एक दिन ख़ामोशी से अत्याचार सहने से इनकार कर देते हैं और अपने घर, ज़मीन और अपनी जान को बचाने के लिए हाथों में हथियार उठा लेते हैं और फ़िर किस तरह से डकैतों के ख़ूनी मंसूबों से लड़ते हैं और किस तरह से उनसे अपना बदला लेते हैं, इसे बड़े ही ज़ोरदार ढंग से 'डकैत ऑफ़ 'धौलपुर' की कहानी में पिरोया गया है. फ़िल्म की कहानी और किरदारों को उम्दा ढंग से मनोज चतुर्वेदी ने लिखा है जो इस फ़िल्म के निर्माता भी हैं और फ़िल्म के हीरो भी हैं. अपनी तीनों ज़िम्मेदारियों को मनोज चतुर्वेदी ने बड़े पर्दे पर बखूबी निभाया है और 'डकैत ऑफ़ धौलपुर' के रूप में एक बेहतरीन प्रस्तुति दी है.
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मनोज चतुर्वेदी के अलावा फ़िल्म के अन्य कलाकारों ने भी बढ़िया अभिनय किया है. हीरोइन के तौर पर राधा अजमेरा ने भी अपने अभिनय का कमाल इस फ़िल्ममें दिखाया है तो वहीं फ़िल्म के खलनायक के रूप में संतोष याग्निक और सुधीर शुक्ला का काम भी उल्लेखनीय है.
फ़िल्म 'डकैत ऑफ़ धौलपुर' के लेखन, निर्देशन, अभिनय, संपादन, छायांकन से लेकर गीत-संगीत तक हर पहलू देखने-सुनने लायक है. एक्शन और रोमांच से भरपूर इस फ़िल्म की ख़ासियत है कि डकैतों और किसानों के बीच होने वाले ख़ूनी संघर्ष की इस दास्तां को देखते हुए आप कहीं भी बोर नहीं होते हो और फ़िल्म में अंत तक आपकी दिलचस्पी बनी रहती है.
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महाशिवरात्रि के शुभ मौके पर यानी 8 मार्च को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही 'डकैत ऑफ़ धौलपुर' एक बेहद मार्मिक फ़िल्म होने के साथ साथ एक जबर्दस्त फ़िल्म है जो यकीनन दर्शकों को बेहद पसंद आएगी.
Created On :   6 March 2024 2:30 PM IST