शंघाई फेस्ट स्क्रीनिंग पर गौतम घोष ने कहा, फिल्मकार नीति निर्माता नहीं

At the Shanghai Fest screening, Gautam Ghosh said, filmmaker not policy maker
शंघाई फेस्ट स्क्रीनिंग पर गौतम घोष ने कहा, फिल्मकार नीति निर्माता नहीं
शंघाई फेस्ट स्क्रीनिंग पर गौतम घोष ने कहा, फिल्मकार नीति निर्माता नहीं
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  • शंघाई फेस्ट स्क्रीनिंग पर गौतम घोष ने कहा
  • फिल्मकार नीति निर्माता नहीं

मुंबई, 29 जुलाई (आईएएनएस)। अनुभवी बंगाली फिल्म निर्माता गौतम घोष ने कहा है कि कला और राजनीति को कभी मिश्रित नहीं किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि उनकी हालिया फिल्म को चीन में शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया है।

घोष की हालिया निर्देशित फिल्म राहगीर में आदिल हुसैन, तिलोत्तमा शोम और नीरज काबी हैं। वहीं यह बंगाली उपन्यासकार प्रफुल्ल रॉय की एक छोटी कहानी पर आधारित है। फिल्म को सिनेमेटिक एस्थेटिक्स के लिए बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, दक्षिण कोरिया और मुंबई में जियो मामी फिल्म फेस्टिवल में पहले ही अच्छी प्रतिक्रिया मिल चुकी है।

घोष ने आईएएनएस से कहा, मेरी राय में कला को राजनीति से अलग माना जाना चाहिए। फिल्म निर्माता नीति निर्माता नहीं होते हैं। हम कहानीकार प्रेम, करुणा, मानवता और विश्व शांति की बात करते हैं। मुझे पता है कि दोनों देशों के बीच उथल-पुथल है और इसका संबंध अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और कूटनीति से है। प्रशासन उस पर काम कर रहा है, लेकिन सिनेमा और कला यूनिवर्सल हैं। जब कोई दर्शक किसी फिल्म को देखता है, तो वह उसे घृणा से नहीं देखता है। महोत्सव में दुनिया भर के फिल्मकार स्वतंत्र मन से भाग ले रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा, विश्व स्तर पर, कई ऐसे देश हैं जहां कई सीमा मुद्दे या अन्य समस्याएं चल रही हैं। मेरी राय में, कला और कलाकार की भूमिका शांति और करुणा के बारे में बात करना है। सिनेमा हमें एकजुट करता है।

फिल्म को 27 जुलाई और 29 जुलाई को शंघाई में इंडिया फिल्म वीक सेक्शन के हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है।

Created On :   29 July 2020 12:30 PM IST

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