ऑटिस्टिक सावंत सिंड्रोम ने मेमोरी की स्ट्रांग : डॉ.भट्टाचार्य
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अब तक ऑटिस्टिक सावंत सिंड्रोम पर आधारित कई फिल्में बनाई जा चुकी हैं। फिल्म रेन मैन के बाद कई फिल्में बनीं हैं। रेन मैन शानदार फिल्म है। फिल्म में इस बीमारी ने युवक को अद्भुत याददाश्त क्षमता दी जो ना सिर्फ नंबर बल्कि किताबों को याद रखने में मदद करती थी। यह बात डॉ. सुपंत भट्टाचार्य ने आईटी पार्क गायत्री नगरी स्थित पर्सिस्टेंट सिस्ट्म्स के कवि कुलगुरु कालिदास सभागृह में व्यक्त किए। डॉ. भट्टाचार्य यहां राष्ट्रीय मस्तिष्क दिवस के उपलक्ष्य में रेन मैन फिल्म की स्क्रिनिंग के अवसर पर बोलरहे थे। यहां 16 से 24 दिसंबर तक राष्ट्रीय मस्तिष्क दिवस का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम का उदघाटन मनपा के अतिरिक्त आयुक्त रविन्द्र ठाकरे, रविन्द्र देवतले, डॉ. नितीन चांडक, डॉ.सुधीर भावे, डॉ. पूर्णिमा करनडिकर व डॉ.चंद्रशेखर मेश्राम ने सम्मिलित रूप से किया। डॉ.भट्टाचार्य ने कहा कि रेन मैन फिल्म को एक साथ 4 ऑस्कर अवार्ड से नवाजा गया जिसमें बेस्ट एक्टर, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट सिनेमेटोग्राफर और बेस्ट मूवी का अवार्ड दिया गया। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि उसमें मरीजों पर गहन अध्ययन किया गया। यह फिल्म कीम पीक के जीवन पर आधारित थी। विशेष बात यह थी कि उन्हें 12 हजार किताबें याद थीं और वह एक साथ दो किताबें पढ़ता था। भले ही सामान्य जीवन में वह परिजनों पर आश्रित रहा हो लेकिन उनकी याद करने की क्षमता अद्भुत थी।
किला स्पर्धा के प्राइज बांटे
शिव वैभव किला स्पर्धा का पुरस्कार वितरण समारोह सर्वादय आश्रम सभागृह में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ छत्रपति महाराज का पूजन और दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस दौरान विशाल देवकर ने शिव स्तुति प्रस्तुत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुधोजी राजे भोसले ने की। प्रमुख अतिथि के रूप में संजय बंगाले उपस्थित थे। शिव वैभव किला स्पर्धा में 80 स्पर्धकों ने भाग लिया, जिसमें 36 स्पर्धकों को 1 लाख रुपए के पुरस्कार वितरित किए गए। स्पर्धा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले मंदार व अर्णव उट्टलवार को दोपहिया वाहन प्रदान किया गया। प्रतियोगिता के निर्णायक ब्रिगेडियर सुनील गावपांडे, आचार्य दत्तात्रय सोनेगांवकर, आचार्य श्री देशमुख थे। कार्यक्रम का संचालन श्वेता नानोटी ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत गाकर किया गया।
Created On :   17 Dec 2018 11:24 AM IST