जहां ना जाने की खाई थी कसम, उसी पाकिस्तान में अनूप जलोटा ने किया 'गीता का पाठ'
डिजिटल डेस्क,इस्लामाबाद। मशहूर भजन गायक अनूप जलोटा ने पिछले दिनों पाकिस्तान में "भगवद् गीता" का पाठ किया। जलोटा ने गीता के संस्कृत के श्लोकों का उर्दू में अनुवाद कर सुनाया। जलोटा का पाकिस्तान की धरती पर गीता का पाठ करना इसलिए भी चर्चा का विषय है क्योंकि एक वक्त अनूप जलोटा ने कभी भी पाकिस्तान की जमीन पर पैर ना रखने की कसम खाई थी।
अपनी ही कसम तोड़ने की बात पर जलोटा ने कहा ये पाकिस्तान को विश्व का कुरुक्षेत्र में बदलने से रोकने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि भगवद् गीता के पास जिंदगी के सारे उत्तर है। मुझे लगा कि मूल्यों का प्रचार आवश्यक है। एक संगीतकार के रूप में बड़ा उद्देश्य शांति, सामंजस्य और प्रेम है और भगवद् गीता सभी का प्रतीक है। जब उर्दू में उर्दू बोलने वाले दर्शकों तक संगीत पहुंचाया जाता है, तो आप स्थानांतरित होते हैं, ये आपको बदलता है।"
आपको बता दें, जलोटा ने इस सप्ताह की शुरुआत में सिंध के सतनाम आश्रम में प्रस्तुति दी। जलोटा के मुताबिक प्रतिभा का आदान-प्रदान दोनों छोर से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "भारत ने हमेशा पाकिस्तानी संगीतकारों का स्वागत किया है। मेरा मानना है कि पाकिस्तान की समान नीति होनी चाहिए और इससे शांति और सामंजस्य बनाने में मदद मिलेगी। मैंने इस्लामिक देशों में उर्दू में भगवद् गीता को बढ़ावा देने के लिए ये कदम उठाया है।"
जलोटा ने कहा कि "पिछले कई सालों से पाकिस्तान के सिंध में एक सतनाम आश्रम की ओर से उन्हें बुलाया जा रहा था, लेकिन वो पिछले साल तक पाकिस्तान जाने से खुद को रोक रहा था।" जलोटा ने कहा कि "इस्लामिक देशों में गीता का पाठ करने का सबसे उचित समय है।" जलोटा ने बताया कि उन्होंने खाड़ी देशों तक पहुंचाने के लिए उर्दू में भगवद् गीता को रिकॉर्ड कराने का निर्णय लिया है।
Created On :   27 Oct 2017 12:47 PM IST