बच्चों की बुद्धिमता को नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए : दीपक डोबरियाल
लोनावला, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। अभिनेता दीपक डोबरियाल का मानना है कि फिल्म निमार्ताओं को सिर्फ ऐसे ही बाल फिल्म नहीं बनानी चाहिए, बल्कि इसके बजाय उन्हें कहानी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों की बुद्धिमता को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
एलआईएफएफटी (लिटरेचर, इल्यूजन, फिल्म फ्रेम टीवी एंड थियेटर) फिल्म महोत्सव 2019 में अभिनेता की पहली मराठी फिल्म बाबा प्रदर्शित हुई, जिसमें छात्रों ने भाग लिया।
दीपक ने आईएएनएस से कहा, ऐसी फिल्मों को बनाने की यही खुशी है। जिस दर्शक वर्ग के लिए हमने यह फिल्म बनाई एलआईएफएफटी इंडिया फिल्म महोत्सव के माध्यम से हम उस तक पहुंच पा रहे हैं। बच्चों की फिल्में अधिक कमाई नहीं करती हैं, ऐसे मैं इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इसी कारण यह अब उस तरह नहीं बनाई जाती हैं।
दीपक ने कहा, किसी को इस प्रकार की कहानी लिखनी होगी, जिसके चलते सब अपने आपको उससे जोड़ सकें। फिल्म दंगल और तारे जमीन पर को देखें। अमिर खान भाई ने फिल्म बनाई और इन्हें सिर्फ बच्चों की फिल्म नहीं कहा जाता है। उन्हें दर्शक वर्ग मिलता है। मूल बात यह है कि यह सब कहानी पर निर्भर करता है।
उन्होंने आगे कहा, यदि अच्छी कहानी नहीं है तो हमें बच्चों की फिल्म नहीं बनानी चाहिए। बच्चे परत दर किरदार को नहीं समझते हैं,बच्चो की बुद्धिमता को नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
एलआईएफएफटी (लिटरेचर, इल्यूजन, फिल्म फ्रेम टीवी एंड थियेटर) फिल्म महोत्सव 2019 में 40 देशों की अलग-अलग श्रेणी की फिल्में प्रदर्शित की जा रही हैं। यह 16 दिसंबर तक महाराष्ट्र के लोनावला में लोगों के लिए खुला है।
फरियास रिजॉर्ट में एलआईएफएफटी इंडिया में फिल्म निमार्ताओं और अभिनेताओं के साथ बातचीत सत्र होगा, जिसकी स्थापना ऋजु बजाज द्वारा की गई है।
Created On :   17 Dec 2019 9:30 AM IST