दिल्ली हाईकोर्ट ने अश्लील भाषा वाली वेब सीरीज कॉलेज रोमांस पर कार्रवाई को सही ठहराया

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
कार्रवाई दिल्ली हाईकोर्ट ने अश्लील भाषा वाली वेब सीरीज कॉलेज रोमांस पर कार्रवाई को सही ठहराया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म टीवीएफ पर प्रसारित होने वाली वेब सीरीज कॉलेज रोमांस में इस्तेमाल की गई भाषा को गंदी, अपवित्र और अश्लील मानते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराया है। अदालत ने कहा कि ऐसा शो युवाओं के दिमाग को भ्रष्ट कर देगा।

न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा की एकल-न्यायाधीश पीठ के अनुसार, सीरीज में प्रयुक्त भाषा इतनी अश्लील थी कि अपने कक्ष में अन्य लोगों के साथ इसे सुनना संभव नहीं था।

फैसले में कहा गया, अदालत यह नोट करती है कि यह वह भाषा नहीं है, जिसे देश के युवा या इस देश के नागरिक इस्तेमाल करते हैं और इस भाषा को हमारे देश में अक्सर बोली जाने वाली भाषा नहीं कहा जा सकता।

न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि टीवीएफ की सीरीज के निदेशक सिमरप्रीत सिंह और अभिनेत्री अपूर्वा अरोड़ा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में कामुक सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) और 67ए (ऐसी सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण, जिसमें स्पष्ट रूप से यौन कार्य शामिल है, के लिए सजा) के तहत कार्रवाई का सामना करने के लिए जवाबदेह हैं।

न्यायमूर्ति शर्मा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश और अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ टीवीएफ, सिंह और अरोड़ा द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे।

एसीएमएम ने पुलिस को याचिकाकर्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 292 और 294 और आईटी अधिनियम की धारा 67 और 67ए के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था और उसने एसीएमएम के आदेश को बरकरार रखा।

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता के नाम पर आम जनता के लिए ऐसी भाषा के इस्तेमाल की छूट नहीं दी जा सकती या दुनिया को यह नहीं बताया जा सकता कि हमारे देश और शैक्षणिक संस्थानों में युवा ऐसी भाषा बोलते हैं।

जज ने कहा, ऐसा करना एक खतरनाक चलन होगा और जनहित के खिलाफ होगा।

कोर्ट ने कहा कि ऐसी भाषा नैतिकता, शालीनता और आम आदमी की सामुदायिक कसौटी पर खरा नहीं उतरती।

आदेश में कहा गया है, जिस भाषा को आज सामान्य कॉलेज संस्कृति और जीवनशैली कहा जा रहा है, उसे कल को सामान्य स्कूल संस्कृति कहा जा सकता है, क्योंकि नई पीढ़ी पुरानी पीढ़ी से सीखेगी। छात्रों की नई संस्कृति के नाम पर स्कूलों, गलियों और घरों में एक ही तरह की अभद्र और अश्लील भाषा बोली जाने की स्थिति समाज के लिए दुखद दिन होगा।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   7 March 2023 6:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story