क्लासिक युग को दर्शाती है फिल्म प्रणाम : संजीव जायसवाल

Film Pranam depicts the classic era: Sanjeev Jaiswal
क्लासिक युग को दर्शाती है फिल्म प्रणाम : संजीव जायसवाल
क्लासिक युग को दर्शाती है फिल्म प्रणाम : संजीव जायसवाल
मुंबई, 7 अगस्त (आईएएनएस)। फिल्मकार संजीव जायसवाल का कहना है कि उनकी आगामी फिल्म प्रणाम अत्याधुनिक तकनीकों से बनी फिल्म है, जिसमें मधुर संगीत भी है। यह फिल्म क्लासिक युग को दर्शाती जरूर है, लेकिन इसमें कोई रीमिक्स नहीं है।

जायसवाल ने आईएएनएस को साक्षात्कार देने के दौरान प्रणाम को लेकर कई सवालों का जवाब दिया।

प्रश्न : आप अपनी आगामी फिल्म प्रणाम के बारे में कुछ बताए?

उत्तर : प्रणाम प्यार, महत्वाकांक्षा, बलिदान और बदले की एक कहानी है। यह गरीब पिता के सपने को पूरा करने के लिए एक बेटे के संघर्षो की कहानी है, जिसमें पिता अपने बेटे को एक आईएएस अधिकरी बनते देखना चाहता है। जब बेटे को पिता के इस सपने का एहसास होता है, तभी भाग्य एक ऐसी करवट लेती है, जो उसे आईएएस अधिकारी से गैंगस्टर बना देता है।

प्रश्न : जैसा की आपने कहा की ये फिल्म हिंदी सिनेमा के क्लासिक एरा को दशार्ती है, तो इस बारे में आपका क्या कहना है।

उत्तर : उस दौर की फिल्मों में एक अलग ही आर्कषण होता था। हालांकि तब की फिल्मों में काफी समानता थी, जिसका अनुभव वास्तविक जीवन से काफी अलग होता था। आज के सभी कलाकार और निर्देशक उस दौर की फिल्मों के कुछ बिंदुओं से प्रेरित हैं। लेकिन समय के साथ फिल्मों में भी काफी बदलाव आया है और लोग उन्हीं क्लासिक फिल्मों का रीमिक्स बनाने लगे हैं। वहीं प्रणाम ये बताती है कि किस तरह क्लासिक फिल्में भारतीय संस्कृति से जुड़ी हुई है। यह उस युग की फिल्मों की याद दिलाती है, जो आज के वक्त और दौर के अनुसार अत्याधुनिक तकनीकों से बनाई गई है, जिसमें मधुर संगीत भी है, लेकिन यह रीमिक्स नहीं है।

प्रश्न : आपकी आखिरी फिल्म शुद्र - द राईजिंग साल 2012 में आई थी, जिसके इतने सालों बाद प्रणाम आई। आपको इतना वक्त क्यों लगा?

उत्तर : शुद्र - द राईजिंग एक विवादास्पद फिल्म थी, बावजूद इसके फिल्म को दुनियाभर में सराहना मिली। फिल्म पर मिलने वाली प्रतिक्रिया भारी थी, लेकिन इसके साथ ही कुछ उम्मीदें भी थी, जिसकी वजह से इस फिल्म के साथ आया हूं। हालांकि विभिन्न डिजिटल माध्यमों के आने से और फिल्मों के प्रति आम जनता के बदलते स्वाद के कारण फिल्म को बनाने में काफी वक्त लग गया। ऐसे में हमने प्रणाम बनाने की सोची, क्योंकि दर्शकों ने लंबे वक्त से ऐसी कोई फिल्म नहीं देखी है। यह कहानी लोगों को खुद से न केवल जोड़ेगी, बल्कि इसमें उनके लिए एक प्यारा संदेश भी निहित है।

प्रश्न : फिल्म के मुख्य किरदार के लिए आपने राजीव खंडेलवाल को ही क्यों चुना?

उत्तर : एक निर्देशक होने के नाते मैं कलाकारों का चुनाव उनके काम के आधार पर करता हूं। मैंने उनकी आंखों में वह गहराई देखी जिससे मुझे यकीन हुआ कि एक एंग्री यंग मैन अजय सिंह की भूमिका के लिए वह बिल्कुल सही हैं।

प्रश्न : आपने फिल्म की शूटिंग लखनऊ में ही क्यों की? कहीं इसके पीछे वह सब्सिडी तो नहीं जो राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में फिल्में बनाने के लिए देती है?

उत्तर : यह स्क्रिप्ट की मांग थी, जिसकी वजह से लखनऊ में इसका सेट बनाया गया था। मेरी आखिरी फिल्म का सेट भी यही बना था। मैं खुद लखनऊ का हूं और इस शहर के प्रति प्यार मुझे यहां वापस खींच लाई। ऐसे में इसके जरिए अगर मैं उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करता हूं, तो मेरे लिए यह गर्व की बात होगी।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश की सरकार की मदद को देखते हुए, यहां फिल्में बनाना देश के किसी शहर में फिल्म बनाने की तुलना में आसान है। यूपी में ब्यूरोक्रेटिक माहौल है, जो फिल्म निर्माताओं के लिए अनुकूल है और इसलिए लोग यहां फिल्मे बनाना पसंद करते हैं।

प्रश्न : भविष्य में आपकी क्या योजनाएं हैं?

उत्तर : हम वेब सीरीज के लिए एक थ्रिलर कहानी पर और एक फीचर फिल्म, जो कि एक प्रेम कहानी है, उस पर काम कर रहे हैं। साल 2020 के बीच में इन दोनों के आने की संभावना है।

--आईएएनएस

Created On :   7 Aug 2019 5:00 PM IST

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