B, Day Spl: ऐसे मिली बॉलीवुड में अल्का याग्निक को शोहरत, जानिए अनसुने किस्से
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अपनी सुरीली आवाज के जादू से लोगों को दीवाना बना देने वाली सिंगर अल्का याग्निक का 52वां जन्मदिन है। अल्का का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में 20 मार्च 1966 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अपनी मां शुभा याग्निक से शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया था। घर में संगीत का माहौल होने के कारण उनकी भी संगीत में रुचि बढ़ती गई। महज 6 साल की उम्र में उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था। अलका आकाशवाणी कोलकाता में गाने लगी थीं। 80 के दशक का अमिताभ बच्चन की फिल्म लावारिश का एक गाना तो आपने सुना ही होगा। "मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है...इसी गाने से अल्का ने शोहरत पाई और बॉलीवुड की लगभग हर फिल्म में ही उनको गाने का चांस मिलने लगा। यही वो गाना है जिसे गाकर उन्हें फिल्मी दुनिया में शोहरत मिली। उन दिनों को अल्का की प्रशंसा संगीतकार जोड़ी कल्याण जी आनंद जी ने की थी।
700 फिल्मों के लिए गीत गा चुकी हैं अल्का
10 साल की उम्र में वो मुंबई स्थानांतरित हो गईं और वहीं से वो गायन के क्षेत्र में तरक्की की राह पर अग्रसर हुई। अलका ज़्यादातर बॉलीवुड की फिल्मों के लिए ही गाती है। वो अब तक 700 फिल्मों के लिए गीत गा चुकी हैं। इन्होंने कुमार सानु व उदित नारायण के साथ ज्यादा गीत गाए हैं। कुमार सानु के साथ गाए गए उनके युगल गीत श्रोताओं द्वारा बहुत पसंद किए गए। अल्का याग्निक ने काफी समय तक मुंबई में संघर्ष करने के बाद 1988 में आई फिल्म "तेज़ाब" में माधुरी दीक्षित पर फिल्माए गाने, "एक दो तीन..." से एक बार फिर से अपनी सिंगिंग की छाप छोड़ी। तीन दशकों से अल्का बॉलावुड को अपनी आवाज दे रही हैं। अल्का याग्निक ने अपने सिंगिंग करियर में करीब 16 भाषाओं में 2000 गाने गाए हैं। उन्होंने ढेरों गाने उदित नारायण, कुमार सानू, सोनू निगम और कई बड़े सिंगर्स के साथ गाए हैं। हिंदी सिनेमा में वे सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाली पांचवी पार्श्वगायिका हैं। उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सात बार मिल चुका है। वह 36 बार नॉमिनेट हुईं थीं।
राजकपूर आवाज से हुए थे प्रभावित
अल्का 10 साल की थीं तब मुंबई मे निर्माता निर्देशक राजकपूर से मिली, जिन्होंने उनकी आवाज से प्रभावित होकर उन्हें संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल से मिलने की सलाह दी। अल्का ने प्लेबैक सिंगर के रूप में अपने करियर की शुरूआत 1979 में प्रदर्शित फिल्म “पायल की झंकार” से की। बतौर सिंगर अल्का याग्निक के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी की जब उन्होंने गायन को अपने करियर के तौर पर चुना तो उनके सामने भारत की सुर कोकिला लता मंगेशकर और आशा भोसले थी, लेकिन अल्का ने भी इन सबके बीच अपने आप को बॉलीवुड में इस्टैब्लिश किया।
सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर का राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता
अल्का याग्निक को दो राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इसके साथ ही उनके 20 गाने बीबीसी में "बॉलीवुड के श्रेष्ठ 40 सदाबहार साउंडट्रैक" में शामिल हैं। उनके कुछ हिट गानों में से एक हैं "कुछ कुछ होता है", "टिप टिप बरसा पानी", "परदेसी परदेसी", "छम्मा छम्मा", "पूछो ज़रा पूछो", "एक दो तीन", "चाँद छुपा बादल में", "लाल दुपट्टा", "मुझको राणाजी" और "बाज़ीगर ओ बाज़ीगर"। वर्ष 1989 में अलका ने फिल्म “कयामत से कयामत तक” में उदित नारायण के साथ “ऎ मेरे हमसफर”, “अकेले है तो क्या गम है” और “गजब का है दिन सोचो जरा” जैसे सुपरहिट युगल गीत गा ए। इन फिल्मों की सफलता के बाद अलका को कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गए। वर्ष 1994 में फिल्म “हम है राही प्यार के” के सॉन्ग के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
तीन दशक से दे रहीं फिल्में में आवाज
माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी, काजोल और जूही चावला जैसी नामचीन अभिनेत्रियों की आवाज कही जाने वाली अल्का ने तीन दशक से भी ज्यादा लंबे करियर में हिन्दी के अलावा अवधी, गुजराती, उडिया, राजस्थानी, पंजाबी, मराठी, अंग्रेजी कई फिल्मों के गानों को अपनी आवाज दी। भारत की इस प्रसिद्ध गायिका अलका याज्ञनिक ने आजकल गाना कम कर दिया है। इसके पीछे आज के संगीत में बदलाव को मानती है जिसमें मधुरता की जगह फूहड़ता ने ले ली है। फिल्म साजन और धड़कन के सुपरहिट गानों को याद करते हुए अलका बताती है कि वे जब भी किसी स्टेज शो में होती है तो उनसे साजन और धड़कन के गानों की फरमाइश जरूर आती है। आजकल के संगीतकार गानों की धुन बनाते हुए केवल फिल्म को याद रखते है जिससे गाने की आत्मा मर जाती है और वह कुछ समय तक लोगों को याद रहते है। वहीं जब पहले गाने बनते थे तो वो अमर हो जाते थे।
उनका कहना है कि वे अच्छे गाने गाना चाहती है न कि फुहड़ गाने, जिसे गाकर उनकी आत्मा धिक्कारे। वही रियलिटी शो के बारे में उनका कहना है कि इनसे छुपी हुई प्रतिभाओं को मौका मिलता है लेकिन जब संदेशो के आधार पर जब किसी गायक को बाहर निकाल दिया जाता है तो बहुत खराब लगता है क्योंकि कला किसी के वोट की मोहताज नही होनी चाहिए।
कैसी है निजी लाइफ
अल्का याग्निक रिश्तों को लेकर काफी संजीदा हैं। सोशल मीडिया पर कुछ समय पहले अपनी शादी की पुरानी तस्वीर शेयर कर लिखा था - "26 सालों से एक दूसरे से दूर..फिर भी साथ! शादी की सालगिरह मुबारक हो। दरअसल अल्का याग्निक और उनके पति नीरज कपूर अलग-अलग शहरों में रहते हैं। 1986 में दोनों की मुलाकात दिल्ली में हुई थी। दोनों में प्यार हुआ और फिर 1989 में शादी कर ली। अपने-अपने करियर की वजह से अलका मुंबई और उनके पति शिलॉन्ग में रहते हैं। अल्का याग्निक की एक बेटी भी हैं जिनका नाम सायशा है और वो मां के साथ मुंबई में रहती हैं। अल्का याग्निक ने सर्वश्रेष्ठ महिला प्लेबैक जैसे कई फिल्मफेयर पुरस्कार, राष्ट्रीय पुरस्कार, बॉलीवुड मूवी अवार्ड्स, आईआईएफए पुरस्कार, स्टार स्क्रीन अवार्ड्स, ज़ी सिने पुरस्कार आदि के लिए कई संगीत पुरस्कार जीते हैं।
Created On :   20 March 2018 10:08 AM IST