KBC पर आने वाली लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने कहा- अमिताभ से मिलकर सम्मानित महसूस कर रही हूं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केबीसी फ्राइडे कर्मवीर एपिसोड का हिस्सा बनना मेरे लिए एक बेहद अद्भुत अनुभव रहा। मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने इस शो में भाग लिया और यहां से जो भी पैसा मैंने जीता, वह अच्छे कामों पर खर्च होगा। हमने जितना भी पैसा जुटाया है वह इंडियन नेवी बेनेवोलेंट एसोसिएशन को जाएगा। यह कहना है लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी का। 28 सितंबर को शो का प्रसारण होगा। वर्तिका जोशी ने कहा कि नेवी के शहीदों की विधवाओं और उनके बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने के लिए यह एक सहयोग राशि होगी।
मुझे खुशी है कि मैं इतने महान काम का जरिया बन सकीं। मेरा आठ महीने का समुद्री सफर मेरे लिए लाइफ चेंजिंग अनुभव रहा। ऐसा सिर्फ मेरे साथ नहीं हुआ बल्कि नाविका सागर परिक्रमा की पूरी टीम ने यह महसूस किया। इस यात्रा के दौरान हमने हर परिस्थिति का पूरी ताकत के साथ मुकाबला किया। अपनी ऊर्जा को कायम रखते हुए पूरी दुनिया का चक्कर लगाने के अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा। यह पहला मौका था जब भारतीय नौसेना ने इस तरह का अभियान पूरा किया है।
ग्लोब का चक्कर लगाना यादगार रहा
हकीकत तो यह है कि पूरी दुनिया में यह पहला ही प्रयास था जब भारतीय नौसेना ने महिलाओं की टीम बनाकर ग्लोब का सफलतापूर्वक चक्कर लगाया है। ईमानदारी से कहें तो यह हम सभी के लिए एक बहुत ही यादगार सफर रहा। इस दौरान हमने काफी कुछ सीखा। हमने समुद्र, महासागर के बारे में बहुत कुछ सीखा है, जो हमें भारतीय नौसेना में जाने से पहले तक पता ही नहीं था। मुझे सबसे ज्यादा प्रेरित किया समुद्र और महासागर के प्रति मेरी जिज्ञासा ने। मैंने हमेशा से खुद को समुद्र और महासागर के प्रति लगाव महसूस किया है। जब मैं नौसेना में शामिल हुईं तो मैंने महसूस किया कि मुझे अपने सपनों को पूरा करने के मौकों को तलाशना होगा और इसी वजह से मैं इस तरह के अवसर तलाश रही थी। मैंने इस अभियान के लिए खुद को फिट पाया। इस चुनौती को स्वीकार करने में मेरी जिज्ञासा ही मेरी प्रेरणा बनी और मुझे खुशी है कि मैंने इस मौके का लाभ उठाया। इसने मुझे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कदम बढ़ाने का अवसर दिया है।
शो का हिस्सा बनना अद्भुत अनुभव
बात ऐसी है कि मेरे रवाना होने से पहले तक मेरी मां ठीक थी, लेकिन मैं ऐसी जगह पहुंच चुकी थी जहां से पीछे मुड़कर देखना संभव नहीं था। ऐसे पलों में भी मुझे मेरे मां के शब्दों ने आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा था ‘कुछ भी हो जाए शो जारी रहना चाहिए।’ शुरू-शुरू में मैं इस यात्रा को शुरू करने से पहले संकोच में पड़ गई थी। अभियान एक महीना दूर था लेकिन यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय महत्व का था और यह न केवल नौसेना बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण था। मैं लंबे समय से इस प्रोजेक्ट का हिस्सा रही हूं और फिर मेरा सपना तो था ही। उसे पूरा करने के लिए मिले मौके ने मेरी प्रतिबद्धता को मजबूती दी। मैं अपने देश के लिए कुछ कर रही थी। मुझे एक बड़ी जिम्मेदारी मिली थी। यह बात मुझे प्रेरित कर रही थी। मेरी मां का मुझे हर कदम पर सहयोग मिला था। खासकर मेरे सफर के सपने को पूरा करने में। इस शो का हिस्सा बनना मेरे लिए अद्भुत अनुभव रहा। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि मैं अमिताभ बच्चन से मिल सकी। भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व तो है ही और मैं इतना जरूर कहना चाहूंगी कि यह मेरे लिए एक उपयोगी और फलदायी अनुभव रहा।
जब मैं नाविका सागर परिक्रमा के लिए मदद कर रही थी तब मैं यह कदम उठाने में झिझक रही थी। लेकिन यह भावना मेरे दिमाग के अंदरुनी हिस्से में थी जिसकी वजह से मैंने इस चुनौती को स्वीकार किया। कुछ असाधारण करने का विचार हमेशा मेरे दिमाग में रहा है और मुझे लगता है कि यह मेरा कब तक रोकोगे पल था, जब मैंने महसूस किया कि मुझे यह मौका नहीं गंवाना चाहिए और मैं उस पर कायम रही। मुझे पता था कि यह जानलेवा हो सकता है, लेकिन मुझे लगा कि यह करना चाहिए। मुझे लगा कि इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने का फैसला मेरे अब तक के सर्वश्रेष्ठ फैसलों में से एक है।
Created On :   27 Sept 2018 2:12 PM IST