मामूकोया की अंतिम विदाई में नहीं आए उनके साथी कलाकार, मंत्री

Mamukoyas fellow artistes, ministers did not attend last farewell
मामूकोया की अंतिम विदाई में नहीं आए उनके साथी कलाकार, मंत्री
मनोरंजन मामूकोया की अंतिम विदाई में नहीं आए उनके साथी कलाकार, मंत्री

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम्। मलयालम फिल्मों के सबसे लोकप्रिय एक्टरों में से एक मामूकोया का अंतिम संस्कार उनके गृह नगर कोझिकोड़ में संपन्न हुआ। इस मौके पर उनके साथी कलाकारों की अनुपस्थिति से सबको आश्चर्य हुआ। सन् 1979 में करियर की शुरुआत के बाद 450 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले मामूकोया सोमवार को मलप्पूरम जिले में एक फुटबॉल टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह के दौरान अचानक बीमार पड़कर गिर गए थे।

कुछ दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद बुधवार को उनका निधन हो गया। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। सोशल मीडिया पर इस बात पर काफी कयासबाजी चल रही है कि जिनके साथ पर्दे पर वे कई फिल्मों में नजर आए वे लोग उन्हें अंतिम विदाई देने क्यों नहीं आए। साथ ही कोझिकोड़ के स्थानीय मंत्रियों को भी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा जिसमें संस्कृति एवं फिल्म मंत्री साजी चेरियन भी शामिल हैं। वह न तो बुधवार को और न ही गुरुवार को उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।

लोग फिल्मों से राजनीति तक के उन बड़े नामों की तुलना कर रहे हैं जो एक महीने पहले इनोसेंट को और अब मामूकोया को अंतिम विदाई देने आए हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ उनकी पत्नी और सुपरस्टार ममूटी, मोहनलाल और सुरेश गोपी तथा कई अन्य लोग इनोसेंट के अंतिम दर्शन के लिए आए थे। ध्यान देने योग्य बात यह है कि स्थानीय विधायक और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री आर. बिन्धु की पूर्णकालिक उपस्थिति थी जो दो दिन वहां रहे।

बड़े लोगों की अनुपस्थिति पर कई लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। अनुभवी निर्देशक वी.एम. विनु ने कहा कि अब पता चलता है कि मामूकोया को उनका हक नहीं मिला। राहत की बात यह थी कि स्थानीय लोग बड़ी संख्या में निकले। बहुत से लोगों को तो अपने लोकप्रिए एक्टर के अंतिम दर्शन करने का मौका नहीं मिला क्योंकि उन्हें बताया गया कि समय समाप्त हो गया है और अंतिम संस्कार समय पर किया जाना है। मामूकोया को उनके गंभीर चरित्र के लिए जाना जाता है। कभी भी उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगता था कि उन्होंने 450 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया हो और अब उनके साथ जो हुआ उससे कई लोग दु:खी हैं। ऐसा लगता है कि मलयालम फिल्म उद्योग में मौत के मायने भी अलग-अलग होते हैं।

(आईएएनएस)

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Created On :   28 April 2023 3:35 PM IST

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