असम की मानसी सहारिया ने जीती 'द वॉइस इंडिया किड्स 2' की ट्रॉफी

Manashi Sahariah win grand finale The Voice India Kids 2 Trophy
असम की मानसी सहारिया ने जीती 'द वॉइस इंडिया किड्स 2' की ट्रॉफी
असम की मानसी सहारिया ने जीती 'द वॉइस इंडिया किड्स 2' की ट्रॉफी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बच्चों के सिंगिंग रिऐलिटी शो "द वॉइस इंडिया किड्स2" का बीते शाम ग्रैंड फिनाले आयोजित किया गया। "द वॉइस" की ट्रॉफी असम की मानसी सहारिया ने हासिल कर ली। मानसी कोच पलक मुछाल की टीम में थी। बता दें कि फाइनलिस्ट की रेस में कुल 6 कंटेस्टेंट्स थे, जिनमें मानसी के अलावा सकीना मुखिया, गुंतास कौर, श्रुति गोस्वामी, निलांजना रॉय और मोहम्मद फाजिल शामिल थे। मानसी को ट्रॉफी के अलावा 25,00,000/- का चेक भी मिला।

 

 

इस शो की फर्स्ट रनरअप निलांजना रॉय और सेकंड रनरअप श्रुति रहीं और उन्हें 10 लाख की राशि गिफ्ट में दी गई। सभी 6 कंटेस्टेंट्स को गिफ्ट हैम्पर दिए गए। "द वॉइस इंडिया किड्स 2" के सफर को लेकर मानशी का कहना है, "सबसे पहले मैं अपने गांव और वहां के लोगों को धन्यवाद देना चाहूंगी, जिन्होंने मेरे टैलंट पर यकीन करके मुझे सपॉर्ट किया।

 

 

वहीं इस शो में मुझे पलक मुच्छल का साथ मिला। उन्होंने मुझे अपना कीमती वक्त दिया। मुझे उनसे काफी प्रेरणा मिली। इस शो से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, जिसे मैं जिंदगी भर सहेज कर रखूंगी।" 

 

 

इस शो की नवंबर 2017 में शुरुआत हुई थी। इस शो में हिमेश रेशमिया, शान और पलक मुच्छाल जज के रुप में थे। इस शो को जय भानुसाली होस्ट कर रहे थे। बता दें कि मानसी की उम्र 11 साल है। मानसी असम के ऐसे गांव से वास्ता रखती हैं जहां केवल 300 लोगों की आबादी है। मानसी ने कहा कि, ‘द वॉयस इंडिया किड्स’ ने मुझे यह भरोसा करने की वजह दी है कि टैलेंट अपना प्लेटफॉर्म ढूढ़ ही लेता है। दोस्त, प्यार , सम्मान और शिक्षक समेत मुझे इस स्टेज से काफी कुछ मिला है।’

 

 

मानषी ने कहा, ""मैं बॉलीवुड सिंगर अरिजीत सिंह के जैसा बनना चाहती हूं।"" मानसी साहरिया के फेवरेट हीरो सलमान खान हैं और मानषी सलमान खान की फिल्मों में गाने की चाहत भी रखती हैं। शो के फिनाले में मानषी ने असम की ट्रेडिशनल ड्रेस पहनकर परफॉर्मेंस दी। मानसी ने गाने की शुरुआत 3 साल की उम्र में की थी और वह अपनी मां को गाना सुनाया करती थीं। छोटे कस्बे में रहने की वजह से उन्हें गायन की ट्रेनिंग मिलना काफी मुश्किल था। ऐसे में उन्होंने हिंदी गानों को सुनकर घर पर रियाज करना शुरू किया। वॉयस किड्स में आने के लिए उनके पास पैसे भी नहीं थे, ऐसे में गांव के लोगों ने धनराशि इकट्ठा करके उन्हें मुंबई भेजा।

Created On :   12 March 2018 1:56 PM IST

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