Movie Review : राजकुमार राव ने ओमर्टा में की बेमिसाल एक्टिंग, दर्शकों को पसंद आई फिल्म
डिजिटल डेस्क, मुंबई। निर्देशक हंसल मेहता की खासियत रही है कि वे सोचने पर मजबूर कर देने वाली फिल्में बनाते हैं और उनमें जिंदगी की कड़वी हकीकत होती है। इन फिल्मों के असल जिंदगी के किरदारों को जिंदा करने का काम राजकुमार राव करते हैं। ये यही वही जोड़ी है, जिन्होंने फिल्म ‘सिटीलाइट्स’, ‘शाहिद’ और ‘अलीगढ़’ जैसी असल जिंदगी की हकीकत दिखाती फिल्में दी हैं। ऐसा ही कुछ "ओमर्टा" (Omerta) में भी है। फिल्म "ओमर्टा" ब्रिटिश नागरिक उमर सईद शेख की कहानी है, एक ऐसा आतंकी जिसने पूरी दुनिया को अपनी खौफनाक हरकतों से दहला दिया है।
राजकुमार राव का दमदार रोल
एक्टर राजकुमार राव ने एक बार फिर से बहुत अच्छा अभिनय किया है। उन्होंने इस किरदार में उतरने के लिए काफी मेहनत की है, जो फिल्म में दिखती भी है। राजकुमार राव ने अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है। वे पूरी फिल्म में छाए हुए हैं। हमेशा अपनी एक्टिंग से प्रभावित करने वाले राजकुमार राव द्वारा फिल्म में बोले डायलॉग्स ज्यादा दमदार नहीं लगे। अन्य स्टार्स द्वारा निभाएं गए फिरंगी के किरदारों ने इम्प्रेस किया है। यदि राजकुमार राव की एक्टिंग पसंद करते हैं और ऑफबीट फिल्मों के शौकीन है तो ये फिल्म आप देख सकते हैं। फिलहाल तो जो दर्शक ये फिल्म देख चुके हैं, उन्हें "ओमर्टा" काफी पसंद आई है।
"ओमर्टा" की कहानी
निर्देशक हंसल मेहता ने फिल्म पर अपनी पकड़ बनाए रखी है। फिल्म की कहानी में एक शख्स जो अच्छी फैमिली से है यूके आता है और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स का स्टूडेंट बनता है। एक धार्मिक कट्टरपंथी होने के नाते धीरे-धीरे कैसे वो एक आतंकवादी बन जाता है, ये देखना काफी इंट्रेस्टिंग है। फिल्म की कहानी 2002 में ब्रिटिश पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या और 1994 में कश्मीर में विदेशी पर्यटकों के अपहरण जैसी घटनाओं के ईर्द-गिर्द घूमती है। मेहता ने शेख द्वारा दिल्ली में तीन ब्रिटिश मैन और एक अमेरिकी वुमन के अपहरण को फिल्म में हाईलाइट किया है। जिसके लिए उसे गाजियाबाद से गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जाता है। ‘ओमर्टा’ किसी आंतकी या उसकी हरकतों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताती है बल्कि आतंकियों के अंदर क्या चलता है उसे बताने की कोशिश है।
‘ओमर्टा’ साजिश भरी खामोशी
‘ओमर्टा’ शब्द का उमर नाम से कोई लेना-देना नहीं है। यह एक इटालियन शब्द है, जिसका अर्थ है खामोशी। एक साजिश भरी खामोशी, इसका इस्तेमाल माफिया की दुनिया में किया जाता है। ‘ओमर्टा’ पूरी तरह से हिंदी फिल्म नहीं है। करीब 95 मिनट की यह फिल्म आधे से ज्यादा अंग्रेजी में है। यह फीचर फिल्म कम, डॉक्यूड्रामा ज्यादा लगती है।
कास्ट: राजकुमार राव, केवल अरोरा, राजेश तेलंग, ब्लैक एलन
डायरेक्टर - हंसल मेहता
Created On :   5 May 2018 3:26 PM IST