नवाजुद्दीन स्टारर ‘ठाकरे’ का ट्रेलर लॉन्च, 25 जनवरी को रिलीज होगी फिल्म

नवाजुद्दीन स्टारर ‘ठाकरे’ का ट्रेलर लॉन्च, 25 जनवरी को रिलीज होगी फिल्म

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नवाजुद्दीन सिद्दीकी स्टारर फिल्म "ठाकरे" का ट्रेलर बुधवार को लॉन्च हुआ। शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब के जीवन पर यह बायोपिक बनी है। 2 मिनट 54 सेकंड के ट्रेलर में जो डायलोग सामने आए हैं वो किसी के भी रोंगटे खड़े करने के लिए काफी हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी जहां फिल्म में बाला साहेब की भूमिका में दिखाई देंगे तो वहीं बाला साहेब के पत्नी का रोल अमृता राव कर रही हैं। हालांकि ट्रेलर के सामने आते ही विवाद भी खड़ा हो गया है। ये फिल्म 25 जनवरी, 2019 को हिंदी और मराठी भाषा में सिनेमाघरों में रिलीज होगी। मनसे नेता अभिजीत पानसे ने इस फिल्म का निर्देशन किया है। ट्रेलर लॉन्च के मौके पर शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे सहित ठाकरे परिवार मौजूद था। 

ट्रेलर में बाला साहेब के जीवन के जीवन के हर पहलू को सामने रखने की कोशिश की गई है। बाला साहब को एक ऐसे नेता के रूप में दिखाया गया है, जिसके इशारे के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता है। बाला साहेब कि कट्टर मराठा और हिन्दू वाले नेता वाली छवि इस ट्रेलर में साफ तौर पर देखी जा सकती है। राम मंदिर मुद्दे पर कोर्ट में खड़े ठाकरे से लेकर महाराष्ट्र के आम लोगों की आवाज बनते ठाकरे के सभी रूप इस छोटे से ट्रेलर में नजर आ रहे हैं। मुंबई बम ब्लॉस्ट का खौफनाक मंजर भी इस ट्रेलर में दिखाई दे रहा है। इस छोटे से ट्रेलर में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जिस तरह की डायलॉग डिलिवरी नजर आ रही है वो ये बताने के लिए काफी है कि नवाजुद्दीन ने फिल्म में शानदार एक्टिंग की है।

 

 

फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के साथ ही विवाद भी खड़ा हो गया है। इसके कुछ डायलॉग पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ती जाहिर की है। इस आपत्ती के पीछे दक्षिण भारतीयों और बाबरी मस्जिद से जुड़े तीन डायलॉग है। हालांकि स्क्रिप्ट राइटर और शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि मूवी बिना कट के ही रिलीज होगी। ये कोई लव स्टोरी नहीं है। ये बाल ठाकरे की मूवी है और वो जैसे हैं, वैसे ही फिल्म भी उनके जीवन पर आधारित है।

संजय राउत ने कहा ठाकरे जैसे थे, उन्हे वैसे ही फिल्म में दिखाया जा रहा है। इसलिए इस पर सेंसर बोर्ड को आपत्ति करने की जरूरत नहीं है। यह फिल्म ठाकरे का जीवन चरित्र है। ठाकरे पर सेंसर लागू नहीं होता। राऊत ने कहा कि ठाकरे की पूरी जिंदगी विवाद और अड़चनों से घिरी रही। फिर भी उन्होंने सभी को ठोकर मारकर आगे बढ़ने का काम किया। फिल्मी परदे पर भी यह नजर आएगा।

बता दें कि  बाला साहब ठाकरे का निधन 2012 में हुआ था। महाराष्ट्र की राजनीति को आकार देने के लिए बाला साहब को जाना जाता है। उन्होंने समाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम  करते हुए शिवसेना का गठन किया था।   

Created On :   26 Dec 2018 7:32 PM GMT

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