कभी नहीं सोचा था कि कूकिंग से भी मुझे खुशी मिलेगी : नितेश तिवारी
नई दिल्ली, 25 मई (आईएएनएस)। फिल्मकार नितेश तिवारी अपने पसंदीदा काम - लेखन से कभी दूर नहीं रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन की इस घड़ी में अधिक खाली वक्त होने के चलते वह कूकिंग में भी हाथ आजमा रहे हैं और इस दौरान उन्हें एहसास हुआ कि खाना पकाने से भी उन्हें खुशी मिलती है।
फिल्म दंगल के निर्देशक ने आईएएनएस को बताया, मैंने खाना बनाना सीखा है। इसकी शुरुआत जरूरत के तौर पर हुई थी, लेकिन अब इसमें मुझे आनंद आने लगा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि बच्चों के नुक्स निकालने की बातों को दरकिनार कर मैं खाना पका सकूंगा। अब तो उन्हें मेरे हाथ का बनाया खाना पसंद भी आने लगा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि कूकिंग से भी मुझे खुशी मिल सकती है।
उन्होंने आगे कहा, अब मैं समझने लगा हूं कि क्यों खाना पकाते समय माओं को खुशी मिलती है क्योंकि जब वे अपने बच्चों को उनके द्वारा बनाए गए भोजन को खाते और इसे पसंद करते हुए देखती हैं, तो इसकी एक अलग ही खुशी होती है। मुझे भी बिल्कुल ऐसा ही अनुभव हुआ और इसलिए अब मैं अन्य पकवानों को भी बनाने की तालीम ले रहा हूं। मैंने मिठाई बनाना सीखा है। पहले मुझे केवल मैगी बनानी आती थी, लेकिन अब और भी कई व्यंजनों को बनाने के साथ मुझमें सुधार आया है। मैं इसे अपनी विशेषताओं की सूची में शामिल कर रहा हूं।
अपने काम के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, एक चीज जिससे मैंने ब्रेक नहीं लिया है, वह है लेखन और मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि मैं अपने इस काम को जारी रखने के एक उपाय को ढूंढ़ निकालने में समर्थ रहा हूं। मुझे आमतौर पर अपनी टीम के सदस्यों के साथ लिखना पसंद है, लेकिन प्रतिबंधों के चलते हमारे मिलने या साथ में लिखने का कोई रास्ता नहीं है। अब हमने वीडियो कॉल पर बात कर लिखना शुरू कर दिया है। यह एक बेहतरीन अनुभव है। यह कुछ नया है, बल्कि इसके माध्यम से हम उतनी ही बेहतरी के साथ इस काम को करते हैं, जैसा कि आमतौर पर करते हैं। मुझे खुशी है कि लेखन से ब्रेक नहीं लेने के एक तरीके का इजात कर पाने में मैं सफल रहा हूं।
लॉकडाउन के दौरान नितेश ने कौन बनेगा करोड़पति के नए कैम्पेन पर भी काम किया है, जिसे कोविड-19 महामारी को देखते हुए घर पर रहकर फिल्माया गया है। नितेश ने दूर अपने घर पर बैठकर ही इसके रजिस्ट्रेशन प्रोमो को निर्देशित किया है।
Created On :   25 May 2020 10:30 AM IST