ऑस्कर से बाहर हुई राजकुमार राव की फिल्म 'न्यूटन, ये 9 फिल्में दौड़ में शामिल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राजकुमार राव की फिल्म "न्यूटन" इस साल भारत की ओर से ऑस्कर के लिए गई थी। इस फिल्म को फॉरन लैंग्वेज की कैटिगरी में नॉमिनेट किया गया था। क्रिटिक्स से जोरदार सराहना पाने वाली अमित मासुरकर की फिल्म "न्यूटन" अब ऑस्कर की लिस्ट से बाहर हो गई है। फिल्म ‘न्यूटन’ को इंडिया की तरफ से ऑस्कर अवॉर्ड्स 2018 के लिए एंट्री मिली थी, लेकिन ये फिल्म अब ऑस्कर की रेस से बाहर हो चुकी है। द एकैडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स ऑर्ट्स एंड साइंस ने इस बात का खुलासा किया है।
फिल्म ‘न्यूटन’ को बेस्ट फॉरन लैंग्वेज फिल्म की कैटेगरी में शामिल किया गया था। "न्यूटन" को कमेटी ने 26 एंट्रीज में से सर्वसम्मति से चुना था। राजकुमार राव की फिल्म ‘न्यूटन’ 22 सितंबर को रिलीज की गई थी, फिल्म को भारतीय दर्शकों से काफी सराहना भी मिली थी। राजकुमार राव ने फिल्म के ऑस्कर के लिए जाने की खबर को खुद ही ट्विटर पर फैंस के साथ साझा किया था। फिलहाल न्यूटन को पछाड़ कर 9 फिल्में ऑस्कर की रेस में दौड़ लगा रही हैं।
#Oscars90 news: Nine films are in the running for the Foreign Language Film Award. How many of them have you seen? https://t.co/TYH7TFTUdl pic.twitter.com/L6Ud1ITekN
— The Academy (@TheAcademy) December 15, 2017
इन 9 फिल्मों को मिली एंट्री इन फिल्मों में "अ फैंटास्टिक वूमन (चिली), इन द फेड (जर्मनी), ऑन बॉडी ऐंड सोल (हंगरी), फॉक्सट्रॉट (इस्राइल), द इनसल्ट (लेबनान), लवलेस (रूस), फेलिसिटे (सेनेगल), द वूंड (साउथ अफ्रीका) और द स्कवायर (स्वीडन) हैं।
क्या है फिल्म की कहानी
अमित मासूरकर के निर्देशन में बनी "न्यूटन" की कहानी एक सरकारी क्लर्क की जिंदगी के इर्द-गिर्द घूमती है जिसे स्वतंत्र और ठीक तरह से नक्सल प्रभावित इलाकों में चुनाव करवाने के लिए भेज दिया जाता है और वह वहां पर इसके लिए भरपूर कोशिश भी करता है। नूतन कुमार (राजकुमार राव) जिसने अपने लड़कियों वाले नाम को दसवीं के बोर्ड में "न्यूटन" लिख कर बदल लिया। अब सभी लोग उसे न्यूटन के नाम से ही जानते हैं। न्यूटन ने फिजिक्स में एमएससी की पढ़ाई की है। जंगली इलाके में कुल मिलाकर वहां के 76 वोटर्स की चर्चा है, लेकिन वोट वाले दिन कोई नहीं आता। कुछ वक्त के बाद वहां चीजें बदलती हैं और एक नया परिणाम सामने आता है।
ये भारतीय फ़िल्में भी जा चुकी ऑस्कर
विदेशी भाषा कैटेगरी में "न्यूटन" से पहले अपुर संसार (1959), गाइड (1965), सारांश (1984), नायकन (1987), परिंदा (1989), अंजलि (1990), हे राम (2000), देवदास (2002), हरिचन्द्र फैक्ट्री (2008), बर्फी (2012) और कोर्ट (2015) शामिल है। इनमें से केवल तीन भारतीय फ़िल्में ही फाइनल लिस्ट तक पहुंची थी। जिनमें महबूब खान की मदर इंडिया (1957), मीरा नायर की सलाम बॉम्बे (1988) और आशुतोष गोवारिकर की लगान (2001) शामिल है।
Created On :   15 Dec 2017 12:37 PM IST