SC में याचिका खारिज होने पर फिर भड़का राजपूत समाज, भंसाली को पीटने की धमकी
डिजिटल डेस्क,मुंबई। "पद्मावती" फिल्म के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (SC) में दायर याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राजपूत समाज में आक्रोश हैं और वो नहीं चाहते हैं कि फिल्म रिलीज हो। श्रीराजपूत सभा के अध्य्क्ष (जो कि राजपूत समाज की शीर्ष इकाई है) गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने कहा कि यदि पद्मावती फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिर से पिटाई हो जाए तो वे जिम्मेदार नहीं होंगे।
गौरतलब है कि डायरेक्टर-प्रोड्यूसर संजय लीला भंसाली ने कुछ दिन पहले स्पष्ट किया था कि "पद्मावती" में रानी पद्मावती और आक्रमणकारी अल्लाउद्दीन खिलजी के बीच रोमांटिक ड्रीम सीक्वेंस है। भंसाली ने कहा, "दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह के जरिए निभाए गए पात्रों के बीच कोई बातचीत नहीं है।"
वहीं भंसाली की टीम के एक सदस्य ने भी ये साफ किया कि "हम इस बात को साफ कर रह रहे हैं कि दीपिका और रणवीर में कोई ड्रीम सीक्वेंस नहीं है। उन्होंने एक दिन भी "पद्मावती" की शूटिंग साथ नहीं की। हमें नहीं पता कि दोनों के साथ होने की अफवाह किसने शुरू की।
सिरसा में भी विरोध
वहीं हरियाणा के सिरसा में भी फिल्म पद्मावती के विरोध में प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर भवानी सह के नेतृत्व में करणी सेना और राजपूत समाज के लोग एकत्रित हुए, सेंसर बोर्ड और संजय लीला भंसाली के खिलाफ नारेबाजी की। ठाकुर भवानी सह ने कहा कि "हिंदुत्व को बदनाम करने के लिए पद्मावती फिल्म बनाई गई है। इस फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है, जो उचित नहीं है।"
उन्होंने कहा कि "रानी पद्मावती ने हिंदुओं के लिए आदर्श है और उन्होंने प्रजा की रक्षा और आन-बान-शान के लिए जौहर किया था, लेकिन संजय भंसाली ने फिल्म में रानी पद्मावती को अलाउद्दीन खिलजी की प्रेमिका बताया है।" करणी सेना और राजपूत समाज इसका कड़ा विरोध करता है और किसी भी सूरत में इस फिल्म को चलने नहीं देगा।
फेसबुक पर भी "मैं विरोध करता हूं" कैंपेन
"पद्मावती" को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन अब इंटरनेट तक पहुंच चुका है और फेसबुक पर "मैं विरोध करता हूं" नाम से एक कैंपेन भी शूरू हो गया है। फिल्म के प्रदर्शन को लेकर राजस्थान सरकार पर राजपूत समाज के जरिए बनाए जा रहे दबाव के बीच राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने साफ किया कि वीरांगनाओं का अपमान कर फिल्म नहीं चलाने दी जा सकती। फिल्म के जिस विवादित हिस्से को लेकर लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, उस विवादित सीन को हटवाने के बाद ही फिल्म के प्रदर्शन पर विचार किया जाएगा।
इस सीन को हटवाने के लिए सरकार ने एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है। ये कमेटी फिल्म को देखेगी और कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही "पद्मावती" के विवादित अंश हटवाए जाएंगे और फिर फिल्म के प्रदर्शन पर विचार किया जाएगा। जोधपुर के सांसद एवं केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत एवं जयपुर राजपरिवार की सदस्य एवं भाजपा विधायक दीया कुमार सहित कई राजघरानों ने फिल्म में प्राचीन एवं ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ पर नाराजगी जताई है। इन सभी का कहना है कि फिल्म निर्माण के समय संजय लीला भंसाली ने राजपूत समाज के प्रतिनिधियों को फिल्म दिखाकर ही रिलीज करने की बात कही थी, लेकिन अब वो इस बात से पीछे हट गए।
Created On :   11 Nov 2017 8:29 AM IST