ये है एशिया का सबसे साफ गांव, इसकी खासियत जानकर हो जाएंगे हैरान
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली. पूरे देश में स्वच्छता अभियान जोरों-शोरों से चलाया जा रहा है। सरकार भी अपनी तरफ से लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित कर रही है। लेकिन उसके बावजूद भी कुछ लोग स्वच्छता पर ध्यान नहीं देते और गंदगी फैलाते रहते हैं। सरकार भी कई बार कह चुकी है कि जब तक लोग अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझेंगे तब तक ये देश स्वच्छ नहीं हो सकता। लेकिन इस देश में एक ऐसा गांव भी है, जिसे एशिया के सबसे स्वच्छ गांव का खिताब मिला हुआ है। और इस गांव की सबसे खास बात ये है कि यहां रहने वाले लोगों ने खुद ही इस गांव को स्वच्छ बनाने के लिए मेहनत की है। गांववालों ने सरकार से इसके लिए कोई सहायता नहीं ली है।
ये गांव मेघालय में है, जिसका नाम मावलिन्नांग है। ये गांव भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से 90 किलोमीटर दूर है। इस गांव में सिर्फ 500 लोग रहते हैं। इतनी छोटा सा गांव होने के बावजूद भी आज इस देश को पूरी एशिया में जाना जाता है। इस गांव के लिए खुद अपने बलबूते पर इस उपलब्धि को हासिल किया है।
क्या है गांव की खासियत
मावलिन्नांग गांव में पॉलिथीन पर पूरी तरह से बैन लगा हुआ है। इसके साथ ही इस गांव में यहां-वहां थूकने पर भी मनाही है। इस गांव में कचरा फेंकने के लिए जगह-जगह बांस के कूड़ेदान रखे गए हैं। इसके अलावा रास्ते के दोनों ओर फूल-पौधों के साथ स्वच्छता का संदेश देते हुए साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं। इस गांव की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां रहने वाला हर व्यक्ति स्वच्छता के लिए अपनी भागीदारी देता है। और यदि कोई इसमें सहयोग नहीं देता, तो उसे घर में खाना नहीं दिया जाता। असल में ये गांव मातृसत्तात्मक है, जिस कारण यहां की महिलाओं को पुरूषों से ज्यादा अधिकार प्राप्त है और वो सफाई के लिए इन अधिकारों का उपयोग भी करती है।
Created On :   16 July 2017 2:13 PM IST