Bhool Bhulaiyaa 3 Celebration: लेडी सुपरस्टार विद्या बालन की चिरंजीवी मंजुलिका के साथ आइए मनाएं 'भूल भुलैया 3' के एक साल का जश्न

लेडी सुपरस्टार विद्या बालन की चिरंजीवी मंजुलिका के साथ आइए मनाएं भूल भुलैया 3 के एक साल का जश्न
बॉलीवुड की ओजी क्वीन विद्या बालन ने ये साबित कर दिया कि मंजुलिका के रूप में उस जादू को कोई पुनर्जीवित कर सकता है, तो वे सिर्फ और सिर्फ वही हैं।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जब ‘भूल भुलैया 3’ पिछले दिवाली पर सिनेमाघरों में आई, तो यह सिर्फ साल की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर नहीं बनी, बल्कि उसने दर्शकों को फिर से दी वही वो सिहरन, वही पुरानी रोमांचक अनुभूति और मंजुलिका का वो जादू, जिसे भुलाना अब लगभग नामुमकिन है। हालांकि तीसरी बार भी बॉलीवुड की ओजी क्वीन विद्या बालन ने ये साबित कर दिया कि मंजुलिका के रूप में उस जादू को कोई पुनर्जीवित कर सकता है, तो वे सिर्फ और सिर्फ वही हैं।

एक पूरा होता सफर

जिन दर्शकों ने 2007 में पहली बार मंजुलिका से मुलाकात की थी, उनके लिए विद्या का ‘भूल भुलैया 3’ में लौटना किसी रोमांच से कम नहीं था। जैसे ही वह स्क्रीन पर नजर आईं, ऐसा लगा जैसे सिनेमा ने अपना चक्कर पूरा कर लिया है और साथ ही साबित भी कर दिया कि कुछ किरदार अमर होते हैं। सच कहें तो ‘भूल भुलैया 2’ ने इस फ्रैंचाइज़ी को जहां नई पीढ़ी से जोड़ा, वहीं ‘भूल भुलैया 3’ ने पुरानी यादों और नए जोश को जोड़ते हुए विद्या बालन के दमदार अभिनय और कार्तिक आर्यन के करिश्माई ‘रूह बाबा’ के संगम को एक ऐतिहासिक अनुभव बना दिया। और इसका नतीजा निकला बॉक्स ऑफिस पर गूंजती सफलता, जिसने सीक्वल्स के लिए नए मानक तय किए और इसे बॉलीवुड की सबसे सफल हॉरर-कॉमेडी फिल्मों में शामिल कर दिया।

मंजुलिका की विरासत

जिस तरह दर्शक विद्या बालन की ‘मंजुलिका’ से जुड़ चुके हैं, ऐसे में यह कहें तो गलत नहीं होगा कि यह सिर्फ एक किरदार नहीं, बल्कि एक भावना बन चुकी है। ‘भूल भुलैया’ में उनका निभाया किरदार हिंदी सिनेमा को वही भावना दे गया और उस भावना ने उनके इस किरदार को बनाया हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित महिला पात्रों में से एक, जिसे चाहकर भी दर्शक कभी नहीं भूला पाएंगे।

विश्वास, भय और मनोरंजन का संगम

निर्माता भूषण कुमार और निर्देशक अनीस बज्मी ने हॉरर, ह्यूमर और दिल को छू लेने वाले पलों को इतनी खूबसूरती से रचा कि यह फिल्म जहां दर्शकों के दिल में अमर हो गयी वहीं विद्या बालन की वापसी ने फिल्म को उसका भावनात्मक और नॉस्टैल्जिक केंद्र बना दिया। यही वजह है कि हर बार आलोचकों और दर्शकों ने हर बार विद्या बालन को सर्वसम्मति से फिल्म की “आत्मा” बताया, जो नॉस्टैल्जिया और इन्वेंशन का परफेक्ट संगम है।

रूह बाबा और ओजी क्वीन का एक साल

गौरतलब है कि ‘भूल भुलैया 3’ अपनी रिलीज़ के एक साल बाद भी सिर्फ एक ब्लॉकबस्टर नहीं, बल्कि एक ऐसी खूबसूरत घटना बनी हुई है, जिसे दर्शक बार-बार जीना चाहते हैं और हर बार डर को खूबसूरत और पागलपन को काव्यात्मक बनानेवाली विद्या बालन को ही मंजुलिका के रूप में देखना चाहते हैं।

Created On :   2 Nov 2025 12:58 AM IST

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