कोरोना जोखिम के मद्देनजर नोएडा-दिल्ली के बीच नियंत्रित आवागमन चाहता है प्रशासन
नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन ने दिल्ली-नोएडा के बीच लोगों की निर्बाध आवाजाही की अनुमति नहीं देने पर जोर दिया है। प्रशासन का मानना है कि आवाजाही की खुली छूट देने से कोरोनावायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।
जिला निगरानी अधिकारी सुनील दोहरे ने कहा, लोगों के अनियंत्रित आवागमन से गौतमबुद्धनगर में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए, दोनों शहरों के बीच आवागमन को नियंत्रित किया जाना चाहिए।
नोएडा प्रशासन द्वारा 20 मई को तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना का बोझ गौतमबुद्धनगर जिले की तुलना में बहुत अधिक है।
इस बात को सत्यापित करने के लिए, अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली जिले में संक्रमण के स्रोतों में से एक था। 293 मामलों में से, 50 मामलों के लिए दिल्ली को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में गौतमबुद्धनगर जिले की तुलना में अधिक जनसंख्या है, ज्यादा पॉजिटिव और सक्रिय मामले हैं। कोरोना से ज्यादा मौतें हुई हैं और वहां कंटेनमेंट जोन भी ज्यादा हैं।
उन्होंने कहा, दिल्ली में नमूनों के पॉजिटिव निकलने की दर प्रति 100 मामलों पर 7.3 है, वहीं गौतमबुद्धनगर में 2.4 है।
दिल्ली में ठीक होने की दर 47 प्रतिशत है, जो उत्तर प्रदेश जिले में 70 प्रतिशत है, जो इसकी प्रभावी रणनीतिक ²ष्टिकोण का एक संकेतक है।
देश में प्रति 10 लाख लोगों पर लिए गए नमूनों का आंकड़ा 1,820 है। जबकि गौतमबुद्धनगर में प्रति 10 लाख लोगों पर 4,512 नमूने कोरोना परीक्षण के लिए लिए गए हैं। इस प्रकार जीबीनगर में किया गया परीक्षण राष्ट्रीय आंकड़े से बहुत अधिक है।
कोरोनावायरस के डर से दिल्ली-नोएडा सीमा को सील कर दिया गया है, जिसमें अधिकारियों ने केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को ही आवाजाही की अनुमति दी है।
अंतर-राज्य सीमा से वैध पहचान पत्र या आवागमन पास रखने वाले लोगों को ही अनुमति दी जा रही है।
Created On :   24 May 2020 5:01 PM IST