कोरोना काल में काढ़ा स्टॉल बना एक और स्टार्ट-अप

Another start-up became a brew stall in the Corona era
कोरोना काल में काढ़ा स्टॉल बना एक और स्टार्ट-अप
कोरोना काल में काढ़ा स्टॉल बना एक और स्टार्ट-अप

लखनऊ, 14 अगस्त (आईएएनएस)। कोरोनोवायरस का इलाज अभी भी ज्ञात नहीं होने के बीच अधिक से अधिक लोग इस वायरस को दूर रखने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा नुस्खे की ओर रुख कर रहे हैं।

एक नए स्टार्ट-अप में, कई जगहों पर कढ़ा बेचने के स्टॉल में इजाफा हुआ है, विशेष रूप से सुबह की सौर पर निकले लोगों के बीच इसकी खास मांग है।

इंदिरा नगर इलाके में रोजाना सुबह एक पार्क के पास एक स्टॉल लगाने वाले रमेश शर्मा ने कहा, हम यहां लौकी, करेला का जूस बेचते थे, लेकिन अब हमने काढ़ा बेचना भी शुरू कर दिया है, क्योंकि हमारे अधिकांश ग्राहक इसे पसंद करते हैं।

रमेश का दावा है कि उनकी पत्नी और मां इलायची, अदरक, जायफल, काली मिर्च, तुलसी के पत्ते, दालचीनी, शहद और हल्दी सहित विभिन्न मसालों को उबालकर कढ़ा तैयार करती हैं। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें मसालों की मात्रा के बारे में पता नहीं है कि काढ़ा बनाने में इन्हें कितना डालना चाहिए।

वह 40 रुपये में काढ़ा का एक छोटा गिलास बेचते हैं और कई ग्राहक इसे घर के लिए पैक भी करवाते हैं।

स्वदेश शर्मा (70) ने कहा, मैं एक कप पीता हूं और तीन कप घर ले जाता हूं। मेरी पत्नी और मैं इस काढ़ा को दिन में दो बार पीते हैं।

सुबह की सैर पर जाने वाले और रोज काढ़ा खरीदने वाले एक और शख्स रविंद्र कुमार ने कहा कि घर पर काढ़ा तैयार करना एक बोझिल काम है।

उन्होंने कहा, मेरी पत्नी और मैं काम पर जाते हैं और हमें खाना बनाने के लिए मुश्किल से समय मिलता है। काढ़ा तैयार करने में बहुत समय लगता है, इसलिए हम यहां एक कप काढ़ा पीते हैं।

काढ़ा स्टॉल से काढ़ा खरीदने वाले अधिकांश ग्राहकों ने कहा कि उन्होंने टीवी और अखबारों से इसके लाभों के बारे में पता चला है।

इसके अलावा, काढ़ा के पैकेट अब बाजार में उपलब्ध हैं।

महानगर इलाके में अपने किराने की दुकान में काढ़ा पाउडर के पैकेट बेचने वाले मोहन लाल ने कहा, यह एक पाउडर के रूप में होता है और आपको बस इसे पानी में उबालना होता है। मसाले पर्याप्त मात्रा में होते हैं और काढ़े को छानने की भी जरूरत नहीं होती है।

इस बीच, एक चिकित्सक राज कुमार ने कहा कि काढ़ा का अधिक सेवन कई लोगों के लिए हानिकारक साबित हो रहा है।

उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, इस मौसम में जायफल, दालचीनी जैसे मसालों के अधिक इस्तेमाल से अन्य समस्याएं हो सकती हैं। लोग काढ़ा का ज्यादा सेवन कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे कोरोना दूर रहेगा, लेकिन अब दुष्प्रभाव दिखने लगे हैं।

वीएवी/एसजीके

Created On :   14 Aug 2020 1:00 PM GMT

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