चीन, पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से घातक रोगजनकों का परीक्षण किया (आईएएनएस विशेष)

China, Pakistan jointly test deadly pathogens (IANS Special)
चीन, पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से घातक रोगजनकों का परीक्षण किया (आईएएनएस विशेष)
चीन, पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से घातक रोगजनकों का परीक्षण किया (आईएएनएस विशेष)
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नई दिल्ली/बीजिंग, 15 सितंबर (आईएएनएस)। शी जिनपिंग की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) की आड़ में चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और पाकिस्तानी सेना के डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑर्गनाइजेशन संभावित जैविक युद्ध का विस्तार करने के लिए घातक तरीकों पर प्रयोग कर रहे हैं, जिसमें रोगजनक (पैथजन) शामिल है।

एक ऑस्ट्रेलियाई खोजी मीडिया समूह द क्लैक्सन ने इस साल अगस्त में एक विशेष रिपोर्ट में खुलासा किया था कि दोनों देश पाकिस्तान में घातक पशु से मानव रोगजनकों पर व्यापक शोध कार्य कर रहे हैं, जिसमें 7000 से अधिक पाकिस्तानी किसान, चरवाहे और अन्य लोगों के साथ ही 2800 से अधिक ऊंट और अन्य जानवर शामिल किए गए हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वुहान के वैज्ञानिकों ने 2015 से पाकिस्तान के साथ मिलकर रावलपिंडी में परीक्षण किया है। यह कार्यक्रम चीन द्वारा शी की महत्वाकांक्षी बीआरआई परियोजना के तहत वित्त पोषित है।

दुनिया के कुछ सबसे घातक और सबसे संक्रामक रोगजनकों पर किए गए कम से कम पांच अध्ययनों के परिणाम-वेस्ट नाइल वायरस; एमईआरएस-कोरोनावायरस; क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार वायरस; थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम वायरस और चिकनगुनिया वायरस-दिसंबर 2017 और नौ मार्च, 2020 के बीच वैज्ञानिक पत्रों में प्रकाशित हुए हैं।

चीन-पाकिस्तान अनुसंधान में घातक वायरस के प्रयोग और जीनोम अनुक्रमण शामिल हैं। अध्ययनों में से एक ने वुहान के राष्ट्रीय वायरस संसाधन केंद्र को वायरस से संक्रमित वेरो कोशिकाओं को प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।

अपनी व्यापक जांच रिपोर्ट में, क्लैक्सन ने बताया कि पांच अध्ययनों में से प्रत्येक ने कहा कि वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के साथ समर्थित होने के साथ ही जैव सुरक्षा के प्रमुख प्रौद्योगिकी पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग है।

क्लैक्सन ने कहा कि प्रमुख प्रौद्योगिकियों के कार्यक्रम पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग औपचारिक रूप से घोषित नहीं किया गया है।

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा, या सीपीईसी चीन के बेल्ट एंड रोड इंफ्रास्ट्रक्च र प्रोग्राम का प्रमुख घटक है। दोनों की घोषणा 2015 में की गई थी।

दरअसल बेल्ट एंड रोड कार्यक्रम की व्यापक रूप से आलोचना होती रहती है और अब क्लैक्सन ने भी इस पर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन गरीब देशों को लगातार ऋण प्रदान करता है, ताकि उसकी संप्रभुता को कम करके, उस पर नियंत्रण रखा जा सके। यानी चीन अगर किसी देश की ऋण या अन्य परियोजनाओं में मदद करता है तो, उसके पीछे उसका स्वार्थ छिपा होता है।

जैसा कि हाल ही में 2018 के अंत में पाकिस्तान की सरकार ने सार्वजनिक रूप से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे से पीछे हटने का प्रयास किया था और इसे एक बुरा सौदा घोषित किया था। लेकिन पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना द्वारा चीनी परियोजना का बचाव किया गया और कहा गया कि वह हर कीमत पर कार्यक्रम की रक्षा करेगी।

जुलाई में प्रकाशित एक पिछली रिपोर्ट में क्लैक्सन ने विश्वसनीय खुफिया स्रोतों के हवाले से दावा किया था कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पाकिस्तान में घातक जैविक एजेंटों का परीक्षण कर रहा है और पाकिस्तानी वैज्ञानिकों को रोगजनकों और जैव-सूचना विज्ञान के हेरफेर पर व्यापक प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है, जो एक संभावित आक्रामक जैविक कार्यक्रम को समृद्ध कर सकता है।

मालूम हो कि रोगजनक उन्हें कहा जाता है, जिनके कारण कई तरह की बीमारियों का जन्म होता है। इसमें विषाणु, जीवाणु, कवक, परजीवी आदि आते हैं। यह किसी भी जीव, पेड़-पौधे या अन्य सूक्ष्म जीवों को बीमार कर सकते हैं। मानव में जीवों के कारण होने वाले रोग को भी रोगजनक रोगों के रूप में जाना जाता है।

एकेके/एएनएम

Created On :   15 Sep 2020 12:30 PM GMT

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