डीआरडीओ ने एम्स में डिसइनफेक्शनचैम्बर स्थापित किया

DRDO set up Disinfection Chamber at AIIMS
डीआरडीओ ने एम्स में डिसइनफेक्शनचैम्बर स्थापित किया
डीआरडीओ ने एम्स में डिसइनफेक्शनचैम्बर स्थापित किया

नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पूरे शरीर को संक्रमणरहित करने वाला चैम्बर स्थापित किया है। डीआरडीओ ने यह चैम्बर खासतौर से विकसित किया है।

चैम्बर कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद करेगा।

डीआरडीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, यह परीक्षण के आधार पर स्थापित किया गया है। हम देख रहे हैं कि यह कैसे काम कर रहा है। अधिकारी ने समझाया कि एक बार सफल होने के बाद, यह संबंधित संगठनों में मांग के अनुसार स्थापित किया जाएगा।

पिछले हफ्ते, डीआरडीओ ने पूरे शरीर को संक्रमणरहित करने वाला चैम्बर विकसित किया, जिसे कार्मिक स्वच्छता संलग्नक और फेस प्रोटेक्शन मास्क कहा जाता है।

अहमदनगर स्थित डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला, वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान ने पूरे शरीर को संक्रमण मुक्त करने वाले इस चैम्बर को डिजाइन किया है, जिसे पर्सनल सैनिटाइजेशन एन्क्लोजर कहते हैं।

डीआरडीओ ने कहा, यह चैम्बर एक समय में एक व्यक्ति को संक्रमणरहित करने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। यह एक पोर्टेबल सिस्टम है, जो सैनिटाइजर और साबुन मशीन से सुसज्जित है।

इस चैम्बर में प्रवेश करने के बाद पैर से एक पैडल को चलाने से शरीर की सफाई शुरू हो जाती है। चैम्बर में प्रवेश करने पर, विद्युतीय रूप से संचालित पंप हाइपोसोडाक्लोराइड का एक संक्रमणनाशक धुंध बनाता है।

धुंध स्प्रे 25 सेकंड के ऑपरेशन के लिए कैलिब्रेट किया जाता है और स्वचालित रूप से ऑपरेशन पूरा होने का संकेत देता है।

प्रक्रिया के अनुसार, संक्रमणशोधन से गुजरने वाले कर्मियों को चैम्बर के अंदर रहते हुए अपनी आंखें बंद रखने की आवश्यकता होगी।

सिस्टम में कुल 700 लीटर की क्षमता के साथ छत के बीचो-बीच एक टैंक लगा है। रिफिल की आवश्यकता होने तक लगभग 650 कर्मचारी संक्रमणशोधन के लिए चैम्बर से गुजर सकते हैं।

उन्होंने कहा, सिस्टम में मॉनिटरिंग के उद्देश्य के लिए साइड की दीवारों पर ग्लास लगा हुआ है, जिसे पैनलों के माध्यम से देखा जा सकता है और रात के समय के संचालन के दौरान रोशनी के लिए यह रोशनी से भी लैस है। समग्र संचालन की निगरानी के लिए एक अलग ऑपरेटर केबिन प्रदान किया गया है।

डीआरडीओ ने कहा, इस प्रणाली का निर्माण गाजियाबाद में डास हिताची लिमिटेड की मदद से चार दिन में हुआ है। इस प्रणाली का उपयोग प्रवेश और निकास जैसे स्थानों पर कर्मियों के संक्रमण शोधन के लिए किया जा सकता है।

Created On :   8 April 2020 2:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story