विशेषज्ञों ने बताया, कुछ राज्य कोरोना से रिकवरी मामले में क्यों हैं आगे

Experts told why some states are ahead in recovery from Corona
विशेषज्ञों ने बताया, कुछ राज्य कोरोना से रिकवरी मामले में क्यों हैं आगे
विशेषज्ञों ने बताया, कुछ राज्य कोरोना से रिकवरी मामले में क्यों हैं आगे

नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस)। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में कोरोनावायरस के अब तक 70,756 मामले सामने आने की जानकारी दी है। वहीं, मंगलवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों में विभिन्न कारणों से कोरोना के सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि अन्य राज्यों में कम मामलों के साथ-साथ मरीजों के ठीक होने की दर भी बेहतर है।

फोर्टिस अस्पताल के एचओडी और पल्मोनोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. विवेक नांगिया ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, विभिन्न संभावनाएं हो सकती हैं - लॉकडाउन के दौरान बेहतर नियंत्रण, संपर्को का पता लगाने की बेहतर प्रक्रिया और आइसोलेशन, विदेश से लौटने वाले लोगों की कम संख्या और हॉटस्पॉट जोन और अंत में, एक युवा आबादी जिसके ठीक होने की दर अधिक है।

यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि सभी 7 कोरोना मरीजों के ठीक होने और एक भी मौत नहीं होने के साथ गोवा कोरोना मुक्त है। इसी तरह, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम वर्तमान में कोरोनोवायरस मुक्त हैं। मणिपुर में दो मरीजों के ठीक होने के बाद ऐसी ही स्थिति है।

केरल ने संक्रमितों के ठीक होने की दर में लगातार सुधार के साथ उदाहरण पेश किया है। देश में सबसे पहले इसी राज्य में कोरोना का मामला सामने आया था और बाद में इसमें अचानक उछाल आया। लेकिन, राज्य ने न केवल इसके कर्व को समतल किया, बल्कि इसे झुका दिया। अब तक सामने आए कुल 519 मामलों में से 489 लोग ठीक हुए हैं और केवल 4 की मौत हुई है। मंगलवार तक कुल मामलों के आधार पर ठीक होने की दर 94 प्रतिशत है।

इस बारे में डॉ. नांगिया ने कहा कि इसका मुख्य कारण राज्य द्वारा अपनाई गई बेहतर रणनीति रणनीति है। केरल में विशेष रूप से पिछले दिनों में निपाह और जीका वायरस के प्रकोप के मामले रहे हैं। उन्होंने सीखा है कि इस तरह के महामारी से प्रभावी तरीके से कैसे निपटा जाए।

वारयरस के ट्रांसमिशन या खत्म होने में तापमान या जलवायु की महत्वपूर्ण भूमिका होने के बारे में पूछे जाने पर डॉ. नांगिया ने कहा , यह एक नोवल वायरस है - हम अभी भी इसके बारे में जान रहे हैं। अब तक, वायरस की संक्रमण क्षमता पर मौसम या जलवायु का अधिक प्रभाव नहीं दिखा है।

हेल्थ टेक सॉल्यूशन कंपनी, इंडीजीन के डॉ. सौरभ जैन ने आईएएनएस को बताया कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की मजबूती, आबादी के बीच प्रतिरक्षा स्तर, आइसोलेशन और संगरोध के लिए सख्त पालन और आक्रामक तरीके से जांच प्रक्रिया अपनाने के कारण विभिन्न राज्यों में अलग रिकवरी रेट है।

उन्होंेने कहा कि पूर्वी राज्य, विशेष रूप से ओडिशा की तरह, अधिकांश प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हैं, जिसका अर्थ है कि संकट को लेकर एहतियाती बंदोबस्त पहले से थी। इस बुनियादी ढांचे का उपयोग कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के लिए किया गया था।

Created On :   12 May 2020 7:01 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story