स्वास्थ्यकर्मियों से मारपीट पर हो सकती है 7 साल की जेल, अध्यादेश पारित
नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों की पृष्ठभूमि में बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी। इसमें स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा को सं™ोय एवं गैर जमानती अपराध माना गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
जावड़ेकर ने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने व संपत्ति को नुकसान पहुंचने पर भी मुआवजे का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन किया जाएगा। इससे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की सुरक्षा और उनके रहने व काम करने की जगह को हिंसा से बचाने में मदद मिलेगी।
अध्यादेश में हिंसा का दोषी पाए जाने पर छह महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
Created On :   22 April 2020 6:00 PM IST