जॉन्स होपकिंस यूनिवर्सिटी अर्थशास्त्री रामानन की रिपोर्ट से उधेड़बुन में

Johns Hopkins University economist Ramanan reports upset
जॉन्स होपकिंस यूनिवर्सिटी अर्थशास्त्री रामानन की रिपोर्ट से उधेड़बुन में
जॉन्स होपकिंस यूनिवर्सिटी अर्थशास्त्री रामानन की रिपोर्ट से उधेड़बुन में
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  • जॉन्स होपकिंस यूनिवर्सिटी अर्थशास्त्री रामानन की रिपोर्ट से उधेड़बुन में

नई दिल्ली, 29 मार्च (आईएएनएस)। अर्थशास्त्री रामानन लक्ष्मीनारायण के भारत में कोरोनावायरस महामारी फैलने के डर पैदा करने वाली रिपोर्ट से विवाद पैदा होने के बाद, जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी इस सप्ताहांत अपनी ही बातों में उलझता नजर आया।

अर्थशास्त्री से उद्यमी बने लक्ष्मीनारायण ने बीते सप्ताह कई मीडिया हाउसेस को दिए अपने साक्षात्कार में अनुमान लगाते हुए कहा था कि भारत में नोवल कोरोनावायरस के 30 करोड़ से 50 करोड़ मामले होंगे। यह कयास उन्होंने उनके वाशिंगटन स्थित समूह द सेंटर फॉर डीजिज डायनेमिक्स एंड पॉलिसी(सीडीडीईपी) में जॉन हापकिंस(जेएचयू) के साथ किए गए 33 पन्नों के अध्ययन के आधार पर लगाए थे।

जेएचयू के लोगो के साथ रिपोर्ट को न्यूज वायर सेवा ने प्रकाशित कर दिया और इसे कई मीडिया हाउसेस ने भी इसे जारी कर दिया, जिससे लोगों में डर फैल गया। जबकि कई ने रिपोर्ट के निष्कर्ष पर सवाल उठाए, भाजपा के विदेश मामलों के प्रकोष्ठ के प्रभारी विजय चौथाईवाले ने सिलसिलेवार ट्वीट कर लक्ष्मीनारायण की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए और उनपर आरोप लगाते हुए कहा कि वह बौद्धिक संपदा के बड़े मामलों में दोषी पाए गए हैं और अन्य गंभीर हितों के टकराव मामलें में भी संलिप्त हैं।

प्रश्नों और आरोपों से सकते में आने के बाद, जेएचयू ने 27 मार्च को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लक्ष्मीनारायण की रिपोर्ट से दूरी बनाते हुए कहा, इस मामले में हमारे लोगो का प्रयोग आधिकारिक नहीं है और जेएचयू सीडीडीईपी से इस बारे में बात कर रहा है।

जेएचयू का ट्वीट वायरल हो गया, जिसके फलस्वरूप भारत के कुछ मीडिया प्लेटफार्म ने जेएचयू-सीडीडीईपी की स्टोरी हटा ली और वायर सर्विस पर इसे प्रकाशित करने का आरोप लगाया।

हालांकि जेएचयू ने फिर से अपने स्टैंड को बदला। यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल हेल्थ ट्विटर हैंडल ने एक बार फिर सीडीडीईपी के साथ अपने जुड़ाव और रिपोर्ट की पुष्टि की। वास्तव में, जेएययू ने इससे एक कदम आगे बढ़कर कहा कि सीडीडीईपी-जेएचयू की रिपोर्ट में भारत में कोविड -19 की स्थिति को सूचित करने के लिए उपलब्ध आंकड़ों और स्पष्ट मान्यताओं के आधार पर मजबूत वैज्ञानिक मॉडलिंग का उपयोग किया गया है।

इसके अलावा, सीडीडीईपी ने आईएएनएस के साथ आधिकारिक ईमेल में दोहराया कि उसकी रिपोर्ट कोविड-19 फॉर इंडिया अपडेट्स को जॉन्स होपकिंस यूनिवर्सिटी और प्रिंसटर यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों के साथ मिलकर तैयार किया गया है।

सीडीडीईपी ने जेएचयू के साथ जुड़ाव की पुष्टि करते हुए इमेल में कहा, हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि नया रिपोर्ट जॉन्स होपकिंस स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के फैकेल्टी के द्वारा सह-लिखित है। रिपोर्ट में मौजूद आंकड़ों और स्पष्ट मान्यताओं के साथ मजबूत वैज्ञानिक आधार का प्रयोग किया गया है।

अपने बचाव में सीडीडीईपी ने कहा, रिपोर्ट के पहले वर्जन में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी का सही लोगो नहीं था, इसलिए इसे सही किया जाना जरूरी था। अब अपडेटेड लोगो को रिपोर्ट में लगा दिया गया है और यह काम निश्चिय ही प्रिंसटन में किया गया। सभी रिसर्च में, रिपोर्ट इसमें संलिप्त सभी संस्थानों के आधिकारिक पक्ष को नहीं रखता है।

Created On :   29 March 2020 2:30 PM GMT

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