कोविड-19 : भारत ने मरीजों के साथ धार्मिक भेदभाव का किया खंडन
नई दिल्ली, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत ने कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए मेडिकल प्रोफेशनल्स द्वारा फॉलो किए जा रहे प्रोटोकॉल को लेकर अमेरिका के युनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) द्वारा गलत जानकारी फैलाए जाने की निंदा की।
युनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम एक स्वतंत्र अमेरिकी फेडरल गवर्नमेंट इकाई है, जिसकी स्थापना कांग्रेस (अमेरिकी संसद) ने दुनिया में धार्मिक स्वतंत्रता पर निगरानी और रिपोर्ट करने के लिए की गई है।
इकाई ने इस हफ्ते की शुरुआत में द गार्जियन की एक खबर साझा की थी, जिसमें कहा गया था कि भारत में कोविड-19 संक्रमण को लेकर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। इसमें मुस्लिमों को अस्पताल में अलग रखने का भी आरोप लगाया गया था।
कमीशन ने ट्विटर पर कहा कि वह अक्सर राजनेताओं द्वारा खतरनाक बयानबाजी के साथ कोरोनावायरस के प्रसार पर झूठी अफवाहों के कारण भारत में मुसलमानों पर हो रहे निरंतर हमलों की निंदा करता है। इसके चलते आगे भेदभाव और हिंसा बढ़ सकती है।
कमीशन की निंदा के बारे में मीडिया के एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बुधवार को इस बात से इनकार किया कि कोविड-19 संक्रमण के रोगियों के इलाज में कोई धार्मिक भेदभाव किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, जैसा कि गुजरात सरकार ने स्पष्ट किया है, धर्म के आधार पर नागरिक अस्पतालों में कोई अलगाव नहीं किया जा रहा है।
अमेरिका के सरकारी निकाय पर निशाना साधते हुए श्रीवास्तव ने कहा, भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर इसकी (यूएससीआईआरएफ) आलोचनात्मक टिप्पणी पर्याप्त नहीं थी, जो अब यह भारत में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते प्रसार से निपटने के लिए मेडिकल प्रोफेशनल्स द्वारा फॉलो किए जा रहे प्रोटोकॉल पर भ्रामक रिपोर्ट फैला रहा है।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि यूएससीआईआरएफ को चाहिए कि कोविड-19 महामारी से लड़ने के भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को वह धार्मिक रंग देना बंद करे।
Created On :   16 April 2020 3:00 PM IST