मुस्लिम विद्वान ने कोरोना मरीजों की सांप्रदायिक पहचान पर आपत्ति जताई
लखनऊ, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। मुस्लिम विद्वान व समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने कोरोना के मरीजों की पहचान धर्म के आधार किए जाने को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की है।
आईएएनएस से बात करते हुए, गांधी ने कहा, डब्ल्यूएचओ और केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोरोना रोगियों की पहचान नहीं बताई जानी चाहिए, लेकिन राज्य सरकार रोगियों की सांप्रदायिक तौर पर पहचान करने में खासी रुचि रख रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोनोवायरस का संबंध धर्म विशेष से नहीं था। इस महामारी को एक विशेष धर्म से जोड़ने के लिए किए जा रहे प्रयास तुरंत बंद होने चाहिए।
उन्होंने कहा, यह कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का समय है, लेकिन हमारी सरकार इस स्थिति का सांप्रदायीकरण करने की कोशिश कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें समाज के सभी वर्गों को एक साथ जोड़कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने का प्रयास करना चाहिए, ना कि इसे किसी एक धर्म से जोड़ना चाहिए।
गांधी ने इस मुद्दे पर भी ट्वीट किया और उसके स्क्रीन शॉट्स साझा किए, जिसमें सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में तबलीगी जमात से संबंधित रोगियों की संख्या लिखी हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने हर बयान में तबलीगी जमात से जुड़े व्यक्तियों की संख्या अलग से बता रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर किसी ने नियम तोड़े हैं, तो कानून के तहत उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन इस मुद्दे पर सांप्रदायिक राजनीति क्यों की जा रही है।
Created On :   12 April 2020 4:00 PM IST