नोटिस भेजना प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला

Notice sending press and freedom of speech attacked
नोटिस भेजना प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला
नोटिस भेजना प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला

चेन्नई, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। चेन्नई प्रेस क्लब के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि तबलीगी जमात के एक सदस्य द्वारा विभिन्न मीडिया संस्थानों को दी गई कानूनी नोटिस प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले के सिवाय और कुछ नहीं है।

कुछ ऐसा ही विचार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने व्यक्त किया।

चेन्नई प्रेस क्लब के संयुक्त सचिव भारती तमिजान ने आईएएनएस से कहा, प्रेस की स्वतंत्रता को किसी भी तरह से कुचला नहीं जा सकता -चाहे राज्य के जरिए हो या अन्य निकायों के माध्यम से हो। किसी को भी ऐसा करने का अधिकार नहीं है। चेन्नई प्रेस क्लब कई मीडिया संस्थानों से माफी और मुआवजे की मांग करने वाले कानूनी नोटिस भेजे जाने की कड़ी निंदा करता है।

भारत की सबसे बड़ी स्वतंत्र समाचार एजेंसी इंडो-एशियन न्यूज सर्विस (आईएएनएस) ने बुधवार को तबलीगी जमात के एक सदस्य को तब कानूनी नोटिस भेजा, जब उसने इस्लामिक मिशनरी की संदिग्ध पृष्ठभूमि पर आईएएनएस की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट डिजिटल संस्करणों पर चलाने के लिए एजेंसी के सब्सक्राइबर्स को परेशान करना और डराना धमकाना शुरू कर दिया।

भाजपा की तमिलनाडु इकाई के सचिव के.टी. राघवन ने कहा, यह स्पष्ट रूप से प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। मीडिया रिपोर्ट्स विभिन्न सूत्रों से मिली जानकारी और तथ्यों पर आधारित है। पत्रकारों को इस काम को करने के लिए परेशान नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कुछ मुस्लिम संगठनों की मांग को भी अजीब करार दिया जिसमें कहा गया कि देश में कोरोना रोगियों की संख्या की रिपोर्टिग के दौरान मीडिया को अपनी रिपोर्ट में तबलीगी जमात के नाम का जिक्र नहीं करना चाहिए।

बेंगलुरू निवासी और तबलीगी जमात के स्व-घोषित सदस्य, हफीजउल्ला खान के वकील ने आईएएनएस के सब्सक्राइबरों को यह रिपोर्ट जारी करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा था कि तबलीगी जमात के तार आतंकवादी संगठनों के साथ जुड़े हुए हैं।

नोटिस में रिपोर्ट को अपमानजनक कहा गया था, और कहा गया कि ऐसा तबलीगी जमात की प्रतिष्ठा को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए और उसके सदस्यों को हिंसा के जोखिम में डालकर उनके प्रति दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देने के लिए किया गया।

जमात के वकील ने इस रिपोर्ट के कारण खान को पहुंची मानसिक पीड़ा के लिए माफी और मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपये की मांग की।

तबलीगी सदस्य ने इन मीडिया संस्थानों के खिलाफ आपराधिक मानहानि के लिए एक अलग आपराधिक मामला दर्ज कराने की भी धमकी दी।

Created On :   8 April 2020 8:30 PM IST

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