नर्सों को दिल्ली-उप्र-हरियाणा की सीमाएं पार करने में हो रही परेशानी, गृहमंत्री को लिखा पत्र

Nurses having trouble crossing Delhi-UP-Haryana borders, letter written to Home Minister
नर्सों को दिल्ली-उप्र-हरियाणा की सीमाएं पार करने में हो रही परेशानी, गृहमंत्री को लिखा पत्र
नर्सों को दिल्ली-उप्र-हरियाणा की सीमाएं पार करने में हो रही परेशानी, गृहमंत्री को लिखा पत्र

नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। अखिल भारतीय सरकारी नर्स महासंघ (एआईजीएनएफ) ने बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर कहा है कि नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को आपातकालीन और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा की सीमाओं को पार करने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल दिल्ली के अस्पतालों में काम करने वाले काफी डॉक्टर, नर्स व अन्य स्वास्थ्यकर्मी दिल्ली से सटे इलाकों में रहते हैं। अब दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद व अन्य जगहों की सीमा सील कर दिए जाने के बाद इन स्वास्थ्यकर्मियों को दिल्ली बॉर्डर पर ही रोका जा रहा है, जिससे इन्हें अपनी डूयूटी निभाने में परेशानी हो रही है। स्वास्थ्यकर्मियों ने इस विषय पर गृहमंत्री को पत्र लिखकर तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है।

पत्र में कहा गया है कि केंद्र और दिल्ली दोनों सरकारों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी, जो दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में रहते हैं, को सीमा पार करने में समस्या आ रही है।

एआईजीएनएफ की महासचिव ने आईएएनएस से कहा, यह एक बड़ी समस्या है कि नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को सीमा पर रोक दिया जाता है। ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मी अस्पतालों द्वारा जारी और यहां तक कि सरकार की ओर से जारी किए गए आई-कार्ड पर विचार नहीं कर रहे हैं। जिला मजिस्ट्रेट उत्तर प्रदेश से पास बनाने के लिए इंटरनेट साइट पर जाते हैं तो डेटा भरने के बाद इसमें त्रुटि दिखाई जा रही है। वास्तव में जिस श्रेणी में पास जारी किए जाने है, उसमें नर्स शामिल नहीं हैं, क्योंकि उन्हें अभी तक पहचान पत्र दिखाने पर ही अनुमति मिल जाती थी।

उन्होंने कहा, अगर नर्सों को सीमा पार करने की अनुमति नहीं है, तो अस्पताल और अन्य कोविड-19 स्वास्थ्य सुविधाएं कैसे काम करेंगी, क्योंकि बड़ी संख्या में नर्स नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल और सोनीपत आदि क्षेत्रों में रहती हैं।

उन्होंने कहा, कल (मंगलवार) उप्र पुलिस ने उन सभी कारों को रोक दिया, चाहे उन्हें स्वयं नर्स चला रहीं थीं या उन्हें लाने-ले जाने के लिए आए उनके परिवार के सदस्य चला रहे थे। डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ भी यही व्यवहार किया जा रहा है। नर्सें सीमा पर खड़ी रहती हैं और उन्हें कोविड-19 ड्यूटी पास के साथ अपने स्वयं के आई-कार्ड दिखाने के बाद भी सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

पत्र में गृहमंत्री से गुजारिश की गई है कि इस मुद्दे पर जल्द से जल्द संज्ञान लें, ताकि स्वास्थ्यकर्मियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

पत्र की प्रति केंद्रीय और दिल्ली स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों और डीजीएचएस के महानिदेशक को भी भेजी गई है।

Created On :   22 April 2020 5:01 PM IST

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