पेटीएम इज इंडियन कर रहा ट्रेंड, कंपनी के समर्थन में आए नेटिजन
नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। शीर्ष वेंचर कैपिटलिस्टों सहित नेटिजन्स भारत की वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम के समर्थन में उतर आए हैं। सोशल मीडिया पर चीनी ई-कॉमर्स दिग्गज अलीबाबा की एक सहायक कंपनी द्वारा पेटीएम में किए गए निवेश को लेकर उसे ट्रोल किया जा रहा था।
ट्विटर और गूगल पर मंगलवार को पेटीएम इज इंडियन यानी पेटीएम भारतीय है टॉप ट्रेंड कर रहा है।
जब लद्दाख की गलवान घाटी में भारत व चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, उसी समय से उत्तर प्रदेश के नोएडा मुख्यालय वाली कंपनी को ट्रोल किया जा रहा था।
भारत द्वारा टिकटॉक और वीचैट सहित 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी होने के बाद मंगलवार को लोगों ने भारत में पेटीएम पर प्रतिबंध लगाने की मांग शुरू कर दी।
लोगों ने सवाल करना शुरू कर दिया कि सरकार ने पेटीएम पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया, जिसमें चीनी निवेशक अलीबाबा की सहायक कंपनी एंट फाइनेंशियल ने निवेश किया है।
हालांकि नेटिजन्स जल्द ही प्रमुख भारतीय वित्तीय सेवा कंपनी के बचाव में उतर आए।
रमेश बाला ने ट्वीट किया, पेटीएम भारतीय कंपनी है, जो बिना शोर-शराबा किए लॉकडाउन के दौरान भारतीयों को रोजगार प्रदान करने के साथ ही लाखों दैनिक मजदूरों को खाना भी खिला रही है। कोई भी इस बात पर रोशनी नहीं डाल रहा है कि पेटीएम भारतीय है।
कुछ लोगों ने तो कांग्रेस नेता और तमिलनाडु के सांसद मणिकम टैगोर को भी निशाने पर लिया, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ई-कॉमर्स मोबाइल एप्लिकेशन पेटीएम पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इसमें बड़े पैमाने पर चीनी निवेश हैं, इसलिए इस पर भी प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
हालांकि सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों ने जल्द ही कई महत्वपूर्ण सवाल दागते हुए कांग्रेस सांसद को घेर लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कंपनी में किसी का शेयर होना और कंपनी के मूल स्थान दोनों अलग-अलग चीजें हैं।
एक यूजर ने ट्वीट किया, पेटीएम एक चीनी कंपनी नहीं है। कंपनी की उत्पत्ति और कंपनी के शेयर अलग हैं!
ट्वीट की एक सीरीज में वेंचर कैपिटलिस्ट आनंद लूनिया ने पेटीएम को चीनी निवेशकों के फंड के संबंध में ट्रोल किए जाने पर सभी भ्रांतियों को दूर किया।
उन्होंने ट्वीट किया, पेटीएम, जोमैटो आदि सभी भारतीय कंपनियां हैं। उन्हें यहां एक कानूनी इकाई के रूप में उपस्थित होकर भारतीय कानूनों का पालन करना होगा।
उन्होंने पेटीएम के खिलाफ नाराजगी जाहिर करने वाले लोगों पर सवाल उठाते हुए उन्हें आईसीआईसीआई बैंक का भी उदारण दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि बैंक में 40 प्रतिशत से अधिक एफआईआई होल्िंडग है, मगर इसका मतलब यह नहीं हो जाता कि बैंक भारतीय नहीं है।
Created On :   30 Jun 2020 10:31 PM IST