कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई के नन्हें योद्धा

Tiny warriors of the ongoing battle against Corona
कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई के नन्हें योद्धा
कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई के नन्हें योद्धा

भोपाल/रायपुर, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। कोरोना वायरस के संक्रमण ने हर वर्ग और उम्र के लोगों के मन मस्तिष्क पर असर डाला है। यही कारण है कि हर कोई इस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ने को न केवल तैयार है बल्कि अपने सामथ्र्य के अनुसार मदद को भी आतुर है। अब तो बच्चे भी इस महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए अपनी गुल्लक में जुटाई गई रकम को भी दान देने में पीछे नहीं है।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में बच्चे भी मोर्चा संभालते नजर आ रहे हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि वे भी कोरोना के खतरों को बेहतर तरीके से जान चुके हैं। यही कारण है कि बच्चे एक तरफ जहां जन जागृति लाने के मकसद से सोशल मीडिया पर अपने वीडियो साझा कर रहे हैं तो दूसरी ओर अपनी जोड़ी गई पूंजी को भी कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में दान दे रहे हैं।

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक नौ साल की बच्ची अन्वी दुबे अपनी गुल्लक में जमा 11 हजार रुपये की रकम लेकर कंट्रोल रूम जा पहुंची और संभागायुक्त एम़ बी़ ओझा को अपनी गुल्लक में साल भर में इकट्ठा किये गये 11 हजार रुपये सौंप दिये।

मासूम अन्वी से जब संभागायुक्त ओझा ने पूछा कि इतनी बड़ी राशि क्यों दे रही हो, तो उसने कहा, मैंने तो ये पैसे अपने जन्मदिन के लिये इकट्ठा किये थे लेकिन लोगों को इस महामारी से जूझते हुए देखकर मैंने सोचा कि जन्मदिन मनाने से ज्यादा जरूरी है लोगों की मदद करना। इस मासूम बच्ची ने अपने जवाब से वहां मौजूद अन्य सभी लोगों को चकित कर दिया।

इसी तरह नीमच जिले की मनासा तहसील के कंजार्डा थाना क्षेत्र के गांव खेड़ली के दो बच्चे देवराज परिहार और केशव परिहार गुल्लक तोड़कर हाथ में रकम लेकर थाने पहुंच गए। इन बच्चों की गुल्लक में 5060 रुपये थे। थाना प्रभारी अनिल सिंह को यह रकम सौंपते हुए बच्चों ने कहा जो लोग यहां फंस गए है उनके खाने का इंतजाम इस रकम से कर दिया जाए।

इसी तरह का वाकया छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले से सामने आया है। यहां के सात साल के मास्टर ईशान अग्रवाल ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है। महज सात साल के ईशान ने अपनी गुल्लक में जमा रकम कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में देने का फैसला लिया। उसने अपनी गुल्लक में जमा की गई सारी राशि 911 रुपये कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम व जरूरतमंदों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान की है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बच्चे की पहल को अनुकरणीय बताया। उन्होनें पौराणिक दृष्टांत का उल्लेख करते हुए कहा कि बुराई पर जीत के लिए श्री राम सेतु निर्माण में नल और नील के विज्ञान और रेत के दानों को इकट्ठा करती गिलहरी के योगदान दोनों को बराबर माना गया है। संकट की घड़ी में इस बच्चे का योगदान हम सभी के लिए प्रेरणास्पद है।

Created On :   17 April 2020 4:30 PM IST

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