11 फीसदी पाकिस्तानियों ने अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई : शोध
इस्लामाबाद, 21 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान के 25 शहरों पर किए गए एक शोध के अनुसार, करीब 11 फीसदी पाकिस्तानियों ने नोवल कोरोनावायरस के खिलाफ खुद में सुरक्षात्मक रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है।
डॉन न्यूज की शुक्रवार की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जुलाई में हेल्थ सर्विसेज एकेडमी द्वारा किए गए नेशनल सेरोप्रीवेलेंस स्टडी की शुरुआत की गई। इस कार्य में एकेडमी के साथ आगा खान विश्वविद्यालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तकनीकी सहयोग सहित कई सहयोगी शामिल हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि यह 25 अन्य देशों में एक साथ किए जा रहे डब्ल्यूएचओ यूनिटी स्टडी का हिस्सा है।
शोध से पता चला कि शहरी क्षेत्रों की आबादी और मध्यम आयुवर्ग के लोग बीमारी के खिलाफ अधिक सुरक्षित हैं।
हालांकि, इस घातक वायरस की संभावित दूसरी लहर से ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी और वरिष्ठ नागरिकों को सबसे अधिक खतरा है।
डॉन न्यूज से बातचीत में माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रोफेसर जावेद उस्मान ने कहा कि 11 प्रतिशत आबादी में एंटीबॉडी के बारे में जानकारी मिलना उनकी उम्मीदों की तुलना बहुत कम था, क्योंकि इसका अर्थ यह है कि पाकिस्तान अभी भी हर्ड (झुंड) रोग प्रतिरोधक क्षमता की अवधारणा से बहुत दूर था।
उन्होंने कहा कि एंटीबॉडी का अनुपात भी टेस्ट की संवेदनशीलता पर निर्भर करता है, लेकिन अभी भी 89 प्रतिशत लोग घातक वायरस की चपेट में हैं। पाकिस्तान में अब तक कुल 2,91,588 लोग संक्रमित हो चुके हैं और अन्य 6,219 लोगों की मौत हो चुकी है।
एमएनएस/एसजीके
Created On :   21 Aug 2020 5:00 PM IST